ध्रुव शुक्ल,वरिष्ठ पत्रकार मुझे जवाहरलाल नेहरू की याद आती है। उनके व्यक्तित्व से पूरे हिंदुस्तान की बहुरंगी झांकी दीखती थी। वे देश के अपनेपन के नायक थे, किसी...
आपका ब्लॉग
आनलाइन मोक्ष के लिए सड़ी सुपारी में देवताओं का आवाहन करते लोग
ध्रुव शुक्ल,वरिष्ठ पत्रकार पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक विकास पूजा-सामग्री की दूकानों का हुआ है। शहर के हर मुहल्ले में कई दूकानें खुल गयी हैं। जहां हवन के लिए...
मुफ़्त अनाज और चुनावी रेवड़ियाँ जनता का मुँह बंद करने के लिए हैं ?
श्रवण गर्ग,वरिष्ठ पत्रकार देश के अस्सी करोड़ ग़रीब अगर चाहें तो इस चुनाव-पूर्व घोषणा को प्रधानमंत्री की तरफ़ से दीपावली के तोहफ़े के तौर पर भी स्वीकार कर सकते हैं...
कब तक शिप्रा मैली होती रहेगी ?
संदीप कुलश्रेष्ठ और एक बार फिर शिप्रा मैली हो गई। पतितपावन शिप्रा नदी खुद अपने ऐसे लोगों से जो अपने आप को शिप्रा उद्धारक के रूप में प्रस्तुत...
देश में सौगातों की जगह जरूरत है रोजगार की
डॉ. चन्दर सोनाने हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के रतलाम में एक चुनावी सभा में घोषणा की कि 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अन्न...
चुनाव:राम.. कितना आयेंगे काम ?
अरुण दीक्षित,वरिष्ठ पत्रकार राम राम जी ! ये तीन शब्द देश के हर हिंदी भाषी नागरिक के कानों तक जरूर पहुंचे होंगे।यह भी कहा जा सकता है कि ये शब्द...
‘बेबस अन्नदाता’
निरुक्त भार्गव,वरिष्ठ पत्रकार चुनावों की जिस रंगत को शहरी इलाकों और महानगरों में उभारने की कोशिश की जाती हैं, वैसी छटा ठेठ ग्रामीण अंचलों से गायब रहती है....
पराली जलाने के पाप से बचने का उपाय: हाथों में हंसिए की वापसी
ध्रुव शुक्ल,वरिष्ठ पत्रकार हरित क्रांति के नाम पर भारत की खेती की ज़मीन जोतने, बीज बोने और फ़सल काटने के लिए मशीनों के हवाले की जाती रही है। इस पाप में पिछले पचास साल...
मप्र विधानसभा चुनाव- भाजपा की चिंता मतदान कम न हो
ना काहू से बैर राघवेंद्र सिंह,वरिष्ठ पत्रकार मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त कश्मकशपूर्ण माहौल है। सबसे ज्यादा...
इस जीतने की फ़िक्र को क्या कहिए
ध्रुव शुक्ल,वरिष्ठ पत्रकार आजकल यही बात ज़्यादा चलती है कि सब अपनी विजय चाहते हैं, अपनी हार किसी को स्वीकार नहीं। सारे धर्म अपनी ध्वजा को, व्यापारी अपने मुनाफे को,...
रामजी करेंगे बेड़ा पार...
कीर्ति राणा,वरिष्ठ पत्रकार सब्जी मंडी/सालवी बाखल वाले हमारे मोहल्ले के मराठी स्कूल वाले मैदान में जब कोई गाय रंभाती-दम तोड़ती नजर आती, तो...
नेता फिर इम्तहान देने आ रहे हैं क्या जनता पेपर सेट कर रही है?
ध्रुव शुक्ल,वरिष्ठ पत्रकार जनता जी, आपको ही हर पांच साल में नेताओं की परीक्षा लेना पड़ती है। आपको याद होगा कि प्रजातंत्र की परीक्षा नियंत्रक आप ही हैं। पिछले कई...
स्वर्णमृग का पीछा कर रहे हैं राम ठण्डा पड़ा है चूल्हा सीता की रसोई में
ध्रुव शुक्ल,वरिष्ठ पत्रकार बेकाम ही राम-राम रटने वाले राजनीतिक वोटधारियों को पूरी रामायण एक बार फिर पढ़ लेना चाहिए। महाकवि तुलसीदास अपने रामचरित मानस में कहते...
आखिर और कब तक शिप्रा में डूबने से मरेंगे लोग ?
संदीप कुलश्रेष्ठ पुराणों में यह उल्लेख है कि पतित पावन शिप्रा नदी में डुबकी लगाने से लोगों के पाप कट जाते है।...
टिकिटों से असंतोष आलाकमान के ख़िलाफ़ विद्रोह की शुरुआत है ?
श्रवण गर्ग ,वरिष्ठ पत्रकार टिकिटों को लेकर कांग्रेस और भाजपा में बग़ावत की जो स्थिति बनी उसे या तो दोनों पार्टियों के आलाकमानों ने गंभीरता से नहीं लिया या फिर जो...
लोग रामायण पढ़ना भूल गये हैं,राम का अवतरण वोट मांगने के लिए नहीं हुआ
ध्रुव शुक्ल,वरिष्ठ पत्रकार पूर्वज सदियों से याद दिलाते आये हैं कि रामायण पढ़ने से उजड़ी हुई अयोध्या फिर बस जाती है। यह अयोध्या धरती पर बसा कोई राज्य नहीं, मनुष्य का...