मेजर आदित्य कुमार और शहीद औरंगजेब को मिलेगा शौर्य चक्र
नई दिल्ली। देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी अदम्य वीरता के लिए गढ़वाल रायफल्स के मेजर आदित्य कुमार और राष्ट्रीय रायफल के रायफलमैन शहीद औरंगजेब को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा।ज्ञात हो कि हर साल देश के प्रति अदम्य वीरता और साहस का प्रदर्शन करने वाले जवानों को सम्मानित किया जाता है।
आपको बता दें कि भारतीय सेना के राष्ट्रीय रायफल के जवान औरंगजेब का पुलवामा से आतंकियों ने 14 जून को अपहरण कर लिया था। आतंकियों ने औरंगजेब का मरने से पहले का वीडियो भी जारी किया था। वो ईद की छुट्टी मनाने घर जा रहे थे। औरंगजेब के पिता हनीफ सेना से रिटायर्ड हैं। साल 2014 में आतंकियों ने औरंगजेब के चाचा को भी अगवा किया था बाद में उनकी हत्या कर दी थी।
आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था, बाद में आतंकियों ने औरंगजेब को गोलियों से छलनी कर उनका शव पुलवामा जिले के गुस्सू इलाके में फेंक दिया था। औरंगजेब के चेहरे, गर्दन और सिर पर कई गोलियों के निशान मिले थे।
वहीं गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा। आपको बता दें कि मेजर आदित्य ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां में पत्थरबाजों की भीड़ पर कड़ी कार्वाई करते हुए उनपर फायरिंग करवा दी थी जिसको लेकर उनपर एफआइआर भी दर्ज की गई थी बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए कहा था कि अगर मेजर आदित्य पर कार्रवाई होती है तो इससे सेना के कर्तव्य निर्वहन में और आर्मी जवानों के मनोबल पर असर पड़ेगा। उनकी वीरता के लिए उन्हें भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शौर्य चक्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर ने अर्धसैनिक बलों के सदस्यों को 131 गैलेन्ट्री पुरस्कारों की घोषणा की है। इनमें से एक कीर्ति चक्र, 20 शौर्य चक्र, 93 सेना पदक (गैलेन्ट्री), शामिल हैं। 11 नाओ सेना पदक (गैलेन्ट्री) और तीन वायु सेना पदक शामिल हैं।
मेडल गर्व की बात पर आतंकियों के खात्मे से गी मिलेगी बेटे की आत्मा को शांति
शहीद औरंगजेब को मरणोपरांत शौर्य चक्र मिलने पर उनके पिता व पूर्व सैनिक मुहम्मद हनीफ ने कहा कि मेडल मिलना गर्व की बात है, लेकिन जब तक मेरे बेटे के हत्यारे आतंकियों का सफाया नहीं हो जाता, तब तक उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। पुंछ जिले के उपजिला मेंढर के गांव सलानी में रहने वाले मुहम्मद हनीफ ने कहा कि मेरा बेटा बहादुर सिपाही था। वह कभी गोली से नहीं डरता था।
आतंकियों ने उसे निहत्थे अगवा करके मारा है, इस बात का दुख हमेशा रहेगा। इसलिए मेडल तो मिलते रहेंगे, इसका तब तक कोई मतलब नहीं, जब तक आतंकी खुले घूम रहे हैं। सरकार अपना वादा पूरा करे और मेरे बेटे के हत्यारों को मार गिराए।
गौरतलब है कि सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन औरंगजेब को आतंकियों ने पुलवामा में 14 जून को अगवा कर गोलियों से भून डाला था, जब वह ईद मनाने अपने घर जा रहा था। आतंकियों ने औरंगजेब के अंतिम समय का वीडियो भी वायरल किया था, जिससे उसके परिवार व गांव के लोगों में काफी रोष था। आतंकियों के खात्मे के लिए शहीद औरंगजेब के गांव के पचास से अधिक युवा भी अरब देशों से नौकरियां छोड़कर गांव लौट आए थे। ये सभी सेना व पुलिस में भर्ती करने की मांग कर चुके हैं।