तीन तलाक पर संशोधित बिल आज राज्यसभा में होगा पेश
नई दिल्ली। विपक्ष की मांगों को स्वीकार करते हुए कैबिनेट ने एक साथ तीन तलाक विधेयक में संशोधनों को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद अब सरकार इस बिल को राज्यसभा में पास करवाने की कोशिश में है। इसी कड़ी में सरकार आज इस संशोधित बिल को सदन में पेश कर सकती है। कहा जा रहा है कि सत्ता पक्ष इसी सत्र में इस बिल को पास करवाने की कोशिश में है।
इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस बिल में तीन अहम संशोधनों को मंजूरी दे दी। इन संशोधनों के अनुसार, तत्काल तलाक के आरोपित पतियों को न सिर्फ जमानत मिल सकेगी, बल्कि मजिस्ट्रेट के सामने समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा।
सोनिया से मदद की उम्मीद
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संशोधनों के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से राज्यसभा में इस विधेयक को पास कराने में मदद की उम्मीद जताई। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। लेकिन राज्यसभा में संख्या बल के कारण विपक्ष इसका विरोध कर रहा था। विपक्ष और खासकर कांग्रेस इसमें संशोधनों की मांग कर रही थी।
राजग की कमजोर स्थिति के कारण विपक्षी सदस्यों को मनाने के लिए विधेयक में संशोधन की जरूरत थी, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। संशोधनों में विपक्ष की आपत्तियों को समाहित करने का प्रयास किया गया है। संशोधनों के साथ विधेयक के राज्यसभा में पास होने के बाद उसे दोबारा लोकसभा में भेजना पड़ेगा। लोकसभा में इन संशोधनों को हरी झंडी मिलने के बाद ही विधेयक को संसद से पारित माना जाएगा।
तीन अहम संशोधन
1. अब एक साथ तीन तलाक के आरोपित पति को जमानत मिल सकती है। मूल विधेयक में यह गैर-जमानती अपराध था। अब मजिस्ट्रेट जमानत दे सकता है।
2. मूल विधेयक में पड़ोसी को भी आरोपित के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का अधिकार था। अब इसे पत्नी या उसके रक्त संबंधी तक सीमित कर दिया गया है।
3. विधेयक में तीसरे संशोधन के तहत तीन तलाक मामले में आपराधिक प्रक्रिया शुरूकरने के पहले दोनों पक्षों में समझौते का विकल्प खोला गया है। इसके तहत पति-पत्नी दोनों चाहें तो मजिस्ट्रेट के सामने समझौते से तलाक खत्म कर सकते हैं। इसके बाद आपराधिक कार्रवाई नहीं होगी।