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मेहुल चौकसे के भारत प्रत्‍यर्पण के लिए भारत सरकार ने एंटीगुआ को भेजी चिट्ठी


नई दिल्लीः 13500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक मेहुल चोकसी को भारत लाने के लिए सरकार ने एंटीगुआ को चिट्ठी भेज दी है. भारत सरकार ने मेहुल चोकसी को देश वापस लाने के लिए एंटिगुआ सरकार को चिट्ठी लिखकर उसके औपचारिक प्रत्यर्पण के लिए कहा है. अगर एंटीगुआ सरकार भारत सरकार की चिट्ठी के आधार पर कार्रवाई करती है तो मेहुल चोकसी के जल्द भारत वापस लाए जाने की उम्मीद बन सकती है.  पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी घोटाला करने के बाद भारत से भाग गया था और फिलहाल एंटीगुआ में रह रहा है. उसने एंटीगुआ की नागरिकता भी हासिल कर ली है.

हालांकि इससे पहले 3 अगस्त को एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी कि साल 2017 में मेहुल चोकसी को नागरिकता देने के पहले भारत सरकार से संपर्क साधा गया था. वहां की सरकार ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और आरपीओ ऑफिस से उसकी जानकारी मांगी थी. लेकिन दोनों ही जगहों से मेहुल के खिलाफ कोई जानकारी साझा नहीं की गई.

एंटीगुआ सरकार ने पुष्टि की-वहीं है मेहुल चोकसी
एंटीगुआ सरकार ने जानकारी दी है कि चोकसी उन्हीं के देश में है. 28 जुलाई को एंटीगुआ की सरकार ने सीबीआई को एक पत्र भेजा था जिसमें इस बात की पुष्टि की गई थी कि चोकसी उन्हीं के देश में है. एंटीगुआ में चोकसी की उपस्थिति के बारे में खबरें आने के बाद सीबीआई ने वहां की अथॉरिटी से इस मामले में जानकारी मांगी थी. उसके बाद एंटीगुआ की एजेंसियों ने इसकी पुष्टि की कि चोकसी वहीं है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पिछले सप्ताह एंटीगुआ अथॉरिटी को भेजे पत्र में भगोड़े कारोबारी के खिलाफ इंटरपोल के नोटिस और उसके मौजूदा ठिकाने के बारे में जानकारी मांगी.

जनवरी से भारत से फरार है चोकसी
आपको ये भी बता दें कि चोकसी इसी साल जनवरी महीने के पहले सप्ताह में भारत से फरार हो गया था जिसके बाद वो अमेरिका चला गया. 8 जुलाई को मेहुल अमेरिका से भागकर एंटीगुआ चला गया. चोकसी पीएनबी घोटाले के एक और मुख्य आरोपी नीरव मोदी का मामा है. दोनों ने मिलकर पीएनबी को करोड़ों का चूना लगाया और लापता हो गए.

एन्टिगुआ की नागरिकता का मतलब क्या है?
एन्टिगुआ उत्तर अमेरिकी महाद्वीप का एक कैरेबियन देश है. यह कैरिबियन सागर और आंध्र महासागर के बीच स्थित है. मेहुल का कारोबारी 126 देशों में फैला हुआ और अब वो एन्टिगुआ से अपने कारोबार की देखरेख करेगा. एन्टिगुआ की नागरिकता का फायदा ये है कि अब मेहुल चोकसी बड़ी आसानी के साथ कैरेबियाई देश में वो अपना कारोबार बढ़ा सकता है और 130 या उससे ज्यादा देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकता है.

आपको बता दें कि जांच एजेंसियों ने चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया है. इसका सीधा मतलब ये है कि वो दुनिया के तमाम देशों में आराम से घूम सकता है. हालांकि, इंटरपोल ने 2 जुलाई को नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.

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