ब्रिक्स सम्मेलन : 'औद्योगिक तकनीकें और डिजिटल सुविधा एक अवसर के साथ ही एक चुनौती भी' पीएम मोदी
जोहानिसबर्ग। ब्रिक्स का दसवां सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में शुरू हो गया है। इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं। इस सम्मेलन में शिरकत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औद्योगिक तकनीक, स्किल डेवलेपमेंट और बहुआयामी सहयोग का महत्व समझाते हुए कहा कि यह बेहतर दुनिया बनाने में अहम है।
ब्रिक्स नेताओं के सत्र में गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक तकनीकें और डिजिटल सुविधा एक अवसर के साथ ही एक चुनौती भी है। तकनीकी ईजाद से बेहतर सेवा और उत्पादन स्तर को सुधारने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत बहुपक्षवाद, अंतरराष्ट्रीय कारोबार और नियम आधारित विश्व व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। ब्रिक्स देशों ने अपने उभरते हुए बाजारों से अफ्रीका में औद्योगिक क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतर साझेदारी के लिए भी प्रतिबद्धता जताई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट करके बताया कि मोदी ने ब्रिक्स के नेताओं के साथ एक दशक की शांति, सद्भाव और साझा विकास व समृद्धि के उपलक्ष्य में सम्मेलन स्थल सैंडटन इंटरनेशनल कंवेंशन सेंटर पर ग्रुप फोटो खिंचवाई।
आतंकवाद व भ्रष्टाचार का मुकाबला करेंगे ब्रिक्स देश
ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद से निपटने के लिए कट्टरपंथ का मुकाबला करने, आतंकवाद की फंडिंग करने वाले जरिए बंद करने, आतंकी शिविरों को नष्ट करने और आतंकियों के इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकने की प्रतिबद्धता जताई है।
इसके अलावा, ब्रिक्स देशों ने भ्रष्टाचार को वैश्विक चुनौती मानते हुए इसे जड़ से मिटाने की आवश्यकता जताई है। इस सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने संरक्षणवाद को खत्म करने की वकालत की तो रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा से मुलाकात के दौरान परमाणु सौदे का मुद्दा उठाया।
चार माह में तीसरी बार जिनपिंग से मिले मोदी
सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से भी मुलाकात की। इसमें उन्होंने हाल की दो बैठकों में बनी सहमति को रफ्तार प्रदान करने का आग्रह किया। मोदी की चार माह में जिनपिंग से यह तीसरी मुलाकात थी। अप्रैल चीन के वुहान में दोनों नेता अनौपचारिक रूप से मिले थे।
मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात की और दोनों ने नेताओं ने व्यापार और निवेश बढ़ाने पर चर्चा की। दक्षिण अफ्रीका की प्रेसिडेंसी ने ट्वीट करके कहा कि हमारे संबंधों के लिए 2018 ऐतिहासिक वर्ष है। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के डेढ़ लाख लोग रहते हैं।