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7 माह की मासूम के साथ हैवानियत के आरोपी को कोर्ट ने दी फॉंसी की सजा



12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने पर फांसी की सजा का कानून बनने के बाद पहली बार राजस्थान में एक रेपिस्ट को मौत की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने सिर्फ ढाई महीने में मामले की सुनवाई कर आरोपी पिंटू ठाकुर (19 वर्ष) को सजा सुना दी है. राजस्थान के अलवर में 7 महीने की बच्ची के साथ रेप किया गया था. (प्रतीकात्मक फोटो)

जज जगेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जो सिर्फ हंसना और रोना ही जानती है, उसके साथ ऐसा कृत्य मानवता को शर्मसार करने वाला है. जब वह सोचने समझने में सक्षम होगी तो उसे महसूस होगा कि धरती पर जन्म लेना उसके लिए अभिशाप था. यदि कारावास की सजा भी दी गई तो गलत संदेश जाएगा, इसलिए मात्र मृत्युदंड ही न्यायोचित है.

अलवर में 9 मई 2018 को लक्ष्मणगढ़ के हरसाना गांव में एक घिनौनी वारदात हुई थी. वारदात में नशे में धुत युवक 7 माह की बच्ची को पड़ोस की ही एक महिला से छीन कर ले गया था. वह महिला पीड़ित 7 माह की मासूम की ताई थीं, जो देख नहीं सकती थीं. पिछले 73 दिन में अलवर के SC/ST विशेष न्यायालय ने मामले को प्राथमिकता पर रखते हुए घटना के दोषी को फांसी की सजा सुना दी है.

9 मई की रात आसपास के लोगों ने बच्ची को पास ही एक झाड़ी के पास से बरामद किया. मासूम के जननांग पर खून लगा था और नशे में धुत आरोपी भाग गया था. स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी और पुलिस ने आरोपी को रात में ही गिरफ्तार कर लिया था.

10 मई को लक्ष्मणगढ़ थाने में पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज हुआ और लक्ष्मणगढ़ थाना अधिकारी प्रहलाद सहाय ने जांच करते हुए आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर की. कोर्ट ने आरोपी पिंटू को धारा 363 में 5 साल की सजा और ₹10000 का जुर्माना, धारा 366 ए में 7 साल की सजा और धारा 376 एबी में फांसी की सजा सुनाई.

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