top header advertisement
Home - राष्ट्रीय << जीएसटी काउंसिल की बैठक आज, घटा सकती है 30-40 उत्‍पादों पर टैक्‍स

जीएसटी काउंसिल की बैठक आज, घटा सकती है 30-40 उत्‍पादों पर टैक्‍स



नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल शनिवार की बैठक में 30-40 उत्पादों पर टैक्स घटाने का फैसला ले सकती है। इनमें सैनेटरी नैपकिन, हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम प्रोडक्ट शामिल हैं। सैनेटरी नैपकिन और ज्यादातर हैंडीक्राफ्ट उत्पादों पर फिलहाल 12 प्रतिशत  जीएसटी है। सर्विसेज इंडस्ट्री का कहना है कि स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी सेवाओं पर टैक्स कम किया जाए। नैपकिन पर टैक्स खत्म करने की मांग है। हैंडीक्राफ्ट के बिजनेस में छोटे कारोबारी ज्यादा हैं। इसलिए इन पर भी टैक्स घटाने या खत्म करने की मांग की जा रही है। बैठक में टैक्स रिटर्न को आसान बनाने पर भी चर्चा होगी। 

एथेनॉल पर जीएसटी घटकर 12 प्रतिशत  हो सकता है। जीएसटी काउंसिल 18 प्रतिशत  से घटाकर 12 प्रतिशत  के स्लैब में शामिल करने की सिफारिश कर सकती है। खाद्य मंत्रालय इसे 5 प्रतिशत  करने की मांग कर रहा है। कैबिनेट ने पिछले महीने शुगर इंडस्ट्री की मदद के लिए 8,000 करोड़ का पैकेज मंजूर किया था। 

मंत्रिसमूह चीनी पर सेस लगाने के खिलाफ : जीएसटी के तहत मंत्रियों की समिति गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए चीनी पर सेस लगाने के खिलाफ है। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने 11 जुलाई की बैठक में इस पर विचार किया। शर्मा ने कहा कि चीनी की न्यूनतम कीमत 29 रुपए तय करने के बाद गन्ना किसानों का बकाया 5,000 करोड़ से घटकर 18,000 करोड़ रुपए रह गया है। इसलिए अभी चीनी पर सेस लगाने की जरूरत नहीं लग रही। चीनी पर अभी 5 प्रतिशत  जीएसटी लगता है। खाद्य मंत्रालय ने प्रति किलो तीन रुपए तक सेस लगाने का प्रस्ताव रखा है। इससे साल में करीब 6,700 करोड़ रुपए जमा होंगे। इसका इस्तेमाल शुगर सेक्टर की मदद के लिए किया जाएगा। 

जीएसटी रेट में पहले भी हो चुके दो बड़े बदलाव : नवंबर 2017 की बैठक में 213 सामानों को अधिकतम 28 प्रतिशत  जीएसटी स्लैब से निकालकर 18 प्रतिशत  के स्लैब में शामिल किया। 5 प्रतिशत  जीएसटी के दायरे में शामिल 6 सामानों पर टैक्स खत्म कर दिया। फाइव स्टार होटल के रेस्त्रां को छोड़कर बाकी होटलों पर जीएसटी 18 प्रतिशत  से घटाकर 5 प्रतिशत  किया गया। जनवरी 2018 में 54 सेवाओं और 29 वस्तुओं पर टैक्स कम किया। जीएसटी की दरों में बदलाव का फैसला रेवेन्यू को ध्यान में रखकर किया जाएगा। 2017-18 में जीएसटी से 7.41 लाख करोड़ रुपए आए थे। औसत मासिक कलेक्शन 89,885 करोड़ था। इस साल अप्रैल में कलेक्शन रिकॉर्ड 1.03 लाख करोड़ पहुंच गया था, लेकिन मई में घटकर 94,016 करोड़ और जून में 95,610 करोड़ रुपए पर आ गया।

Leave a reply