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100 रूपए के नए नोट में दिखेगी 'बावड़ियों की रानी', रोचक है इसकी कहानी


नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक 2000, 500, 200, 50 और 10 रुपए के नए नोट जारी करने के बाद अब 100 रुपए का नया नोट लाने जा रही है। 100 रुपए के नए नोट में पिछले नोट की तुलना में सिक्योरिटी के फीचर को मजबूत किया गया है। इस नोट में एक नए एतिहासिक स्थल का चित्र भी दिया गया है। जिसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होगी।

भारत की इस विरासत को यूनेस्को ने साल 2014 में विश्व विरासत की सूची में शामिल किया है। यूनेस्को ने इस बावड़ी को भारत में स्थित सभी बावड़ियों की रानी के खिताब से नवाजा है।
100 रुपए के नए नोट में गुजरात के पाटन जिले में स्थित रानी की बावड़ी की तस्वीर होगी। इस बावड़ी को यूनेस्को ने वर्ष 2014 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया। वर्ष 2001 में इस बावड़ी से 11वीं और 12वीं शताब्दी में बनी दो मूर्तियां चोरी कर ली गईं थी। इस मंदिर की नक्काशी और मुर्तियां बरबस ही लोगों को आकर्षित करती हैं।
सोलंकी राजवंश की रानी उदयमती ने अपने पति राजा भीमदेव प्रथम की याद में 1063 में इस बावड़ी को शुरू किया था। यह बावड़ी सरस्वती नदी के पानी में डूब गई थी। बाढ़ का पानी उतरने के बाद इस बावड़ी में सिल्ट जमा हो गया था। जिसे वर्ष 1980 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने फिर से चालू किया। पुरातत्व विभाग की देखरेख में बावड़ी को पुराने स्वरूप में फिर से लाया गया

विश्व विरासत सूची में शामिल है यह धरोहर-
यह भारत की बावड़ियों में सबसे प्रसिद्ध और खूबसूरत है। जिसे वर्ष 2014 में यूनेस्कों ने विश्व विरासत धरोहर में शामिल किया था। गुजरात में बावड़ी केवल पानी और सामाजिक एकता को बनाए रखने का साधन ही नहीं बल्कि इनका आध्यात्मिक महत्व भी है। बावड़ियों में पानी को स्वच्छ रखने के लिए मंदिरों का निर्माण भी किया जाता था जिससे लोग इसे दूषित न कर सकें। रानी की बावड़ी में में भी एक भूमिगत मंदिर है।

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