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पत्ति ने ससुर के साथ ही करा दिया हलाला, फिर कहा देवर के साथ भी करना होगी शादी



बरेली। तीन तलाक के बाद अब हलाला को लेकर देशभर में शोर मचा हुआ है। इसे दुष्कर्म की श्रेणी में रखे जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठ रही है। अब यह मांग मान ली गई है, उप्र का बरेली इस बात का गवाह बना है।

संभवतः हलाला को लेकर देश का पहला केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने हलाला का आरोप लगाने वाली पीड़िता की तरफ से उसके शौहर और ससुर पर दुष्कर्म की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इंस्पेक्टर किला केके वर्मा ने इस बात की तस्दीक की।

सोमवार को आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान को इस्लाम से खारिज होने का फतवा जारी होने के बाद मंगलवार को बड़ा घटनाक्रम हुआ। निदा खान के साथ मिलने पहुंची हलाला पीड़िता की बात सुनने के बाद बरेली के एसएसपी मुनिराज ने मुकदमे के आदेश कर दिए। दोपहर बाद आदेश किला थाने पहुंचा। पुलिस ने अनुपालन सुनिश्चित करते हुए पीड़िता के पति, ससुर, देवरों पर मुकदमा दर्ज कर लिया। सभी पर दुष्कर्म की धाराएं लगी हैं। पीड़िता की तरफ से इससे पहले पति आदि पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है।

यह है पूरा मामला-
तीन तलाक पीड़िता की 2009 में प्रेमनगर क्षेत्र के एक युवक से शादी हुई। शादी के बाद घर वाले उसे दहेज के लिए परेशान करने लगे। 15 दिसंबर 2011 को पति ने तीन तलाक कहकर बाहर कर दिया। जब उसने घर पर रखने को कहा तो ससुराल वालों ने ससुर के साथ निकाह, फिर हलाला करने को कहा। तलाक पीड़िता ने साफ मना किया। आरोप है कि ससुराल वाले उसे मारने-पीटने लगे, उसे कई-कई दिन भूखा रखा जाता था। नशे के इंजेक्शन लगाए जाते थे।

ससुर से कराया निकाह-
नशे में ही इजाजत के बिना पीड़िता का निकाह ससुर से करा दिया गया। इसके बाद ससुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया, फिर तलाक दे दिया। ससुर के तलाक देने के बाद विवाहिता को दोबारा उसके पति के साथ निकाह कराया गया। विवाहिता का कहना है कि पति से निकाह के बाद भी ससुर आए दिन उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। कुछ समय बाद पति ने फिर उसे तीन तलाक दे दिया। इस बार ससुराल वालों ने शर्त रखी कि उसे अपने देवर के साथ निकाह व हलाला करना पड़ेगा।

''पीड़िता ने तहरीर देकर जबरन हलाला (दुष्कर्म) किए जाने का आरोप लगाया था। उसकी तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए गए।'' - मुनिराज, एसएसपी

सुप्रीम कोर्ट में है मामला
मुसलमानों में प्रचलित निकाह हलाला और बहु विवाह पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए जल्द ही संविधान पीठ गठित होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने यह बात पिछले दिनों याचिकाकर्ता समीना बेगम की ओर से मामले पर जल्द सुनवाई की गुहार पर कही थी। संविधान पीठ का गठन इस मसले पर केंद्र सरकार का जवाब आने के बाद किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में लंबित कुछ याचिकाओं में मुता निकाह और मिस्यार निकाह के प्रचलन को भी चुनौती दी गई है। ये दोनों निकाह कुछ समय के लिए करार पर होते हैं। इन्हें कांट्रेक्ट मैरिज भी कहा जाता है। 

क्या है निकाह हलाला 
अगर तलाकशुदा मुस्लिम महिला पूर्व पति से दोबारा शादी करना चाहती है तो उसे पहले किसी अन्य व्यक्ति के साथ शादी करनी पड़ती है और तलाक लेना होता है। उसके बाद ही वह पूर्व पति से शादी कर सकती है। इस प्रक्रिया को निकाह हलाला कहते हैं।

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