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सुपरस्‍टार रजनीकांत ने किया पीएम मोदी के 'एक देश, एक चुनाव' समर्थन, होगी समय और पैसों की बचत



फिल्म अभिनेता रजनीकांत ने एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया है. उन्होंने रविवार को कहा कि इससे पैसा और समय दोनों की बचत होगी. हालांकि रजनीकांत के इस रुख का तमिलनाडु विधानसभा में विपक्षी दल डीएमके ने विरोध किया है. एक देश, एक चुनाव फार्मूले के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने का प्रस्ताव है और विधि आयोग ने राजनीतिक दलों से इस संबंध में राय मांगी थी.

फिल्म अभिनेता से नेता रजनीकांत ने रविवार को चेन्नई में आयोजत कार्यक्रम में एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि इस तरीके से चुनाव कराने से देश का धन और समय दोनों की बचत होगी. बता दें कि रजनीकांत ने 2021 में तमिलनाडु में विधानसभा की सभी 234 सीटों से चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है.

वहीं डीएमके ने एक देश एक चुनाव पर रजनीकांत के रुख पर विरोध जताया है. डीएमके के नेता ए सरवनान ने कहा, 'हम इस फार्मूले का विरोध करते हैं. यह संघीय ढांचे के खिलाफ है. रजनीकांत का रुख बताता है कि वह केंद्र सरकार के समर्थन में खड़े हैं. उनकी यह धारणा तमिलनाडु में बीजेपा की सोच और नजरिया का ही विस्तार है.'

गौरतलब है कि केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का नारा देकर नई बहस को जन्म दे दिया है. पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. इस मुद्दे पर तमाम राजनीतिक दल बंटे हुए हैं और अभी तक इस विषय पर सहमति नहीं बन सकी है. देश के 4 राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया तो नौ दल इसके खिलाफ खड़े हैं.

विधि आयोग ने इस विषय पर चर्चा के लिए परामर्श प्रक्रिया की एक बैठक भी बुलाई, लेकिन इसमें दोनों मुख्य दल बीजेपी और कांग्रेस ने हिस्सा ही नहीं लिया. एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दो दिवसीय कार्यक्रम के अंत में एनडीए के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के अलावा, AIADMK, सपा और टीआरएस ने इस विचार का समर्थन किया है. आयोग ने इस मुद्दे पर विचार रखने के लिए 7 राष्ट्रीय और 59 क्षेत्रीय दलों को न्यौता दिया था.

विधि आयोग का मानना है कि इसे अमलीजामा पहनाने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करने पर विचार होगा. आयोग चाहता है कि 'एकसाथ चुनाव' की परिभाषा तय की जाए. इस परिभाषा में शामिल करने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 2 में संशोधन का प्रस्ताव आयोग ने किया है.

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