मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने समाधान ऑनलाइन में सुनी नागरिकों की समस्याएँ, निराकृत हुए लंबित प्रकरण योजनाओं की राशि, छात्रवृत्ति और राजस्व प्रकरणों में मिली नागरिकों को राहत
उज्जैन- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि नागरिकों की समस्याएं लंबे समय तक लंबित रखने वाले दोषी अधिकारी-कर्मचारी दंडित किए जाएंगे। आमजन का कल्याण ही राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। राजस्व, छात्रवृत्ति वितरण सहित अन्य योजनाओं की स्वीकृति और योजनाओं की राशि वितरण संबंधी कोई भी कार्य लंबित नहीं रहना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समाधान ऑनलाइन में विभिन्न जिलों के नागरिकों के लंबित प्रकरणों में समाधान करवाया। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव सीएम हेल्पलाइन में उल्लेखित शिकायतों के निराकरण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों और सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों को बधाई दी। इन जिलों में सागर, कटनी, सिंगरौली, विदिशा और सीहोर जिलों के अधिकारियों करें बधाई मिली। श्रेष्ठ कार्य करने वाले और उच्च प्रदर्शन वाले विभागों में ऊर्जा, नगरीय विकास, महिला एवं बाल विकास, पंचायत ग्रामीण विकास एवं गृह विभाग शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि लंबित प्रकरण का तत्काल निराकरण करें। जन-कल्याण के कार्य को गति देने के लिए अभियान चल रहा है। आगामी 26 जनवरी तक घर-घर जाकर नागरिकों को योजनाओं से लाभान्वित करने का अभियान गत 11 दिसंबर से संचालित है। जन-कल्याण अभियान की गतिविधियां 22 जनवरी तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखें। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि राजस्व संबंधी कार्य पूरी प्रक्रिया के साथ पूर्ण हों। उदाहरण के लिए बंटवारा आदेश ही पर्याप्त नहीं है, उसे नक्शे में दर्शाना भी आवश्यक है। नामांतरण और सीमांकन के कार्यों में भी पूर्ण प्रक्रिया कर कार्य किए जाएं। स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को महत्वपूर्ण स्थान बनाना है मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने विद्यार्थियों के हित में प्रमुख सुविधाओं को प्रदान करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सायकिल वितरण, गणवेश, किताब, छात्रवृत्ति एवं छात्रावास की सुविधा एवं छात्रावास न उपलब्ध होने पर किराए पर लिए गए कक्ष का किराया दिलवाने का कार्य भी किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभियान चला कर पारदर्शिता और शुचिता के साथ स्कूलों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का कार्य किया जाए। शालाओं में नामांकन बढ़ाने के लिए भी अभियान चलाएं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश आगे रहा था। अभी स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में प्रयास करने की आवश्यकता है। परीक्षा प्रणाली, टास्क फोर्स समिति की बैठक, भवन विहीन स्कूलों में व्यवस्थाएं आदि की शीघ्र ही विस्तृत समीक्षा की जाएगी। उच्च शिक्षा में जीईआर में मध्यप्रदेश आगे आया था। इसी तरह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति आवश्यक है विद्यार्थियों के लिए श्रेष्ठ शिक्षकों के व्याख्यान ई-माध्यम से उपलब्ध कराने पर भी ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नामांकन में मध्यप्रदेश को प्रथम 5 राज्यों में लाने के प्रयास हों। इस दौरान उज्जैन एनआईसी कक्ष में संभागायुक्त श्री संजय गुप्ता, एडीजी श्री उमेश जोगा, डीआईजी श्री नवनीत भसीन, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जयति सिंह एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।