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सालो हो गए पानी के रोने को रोते हुए कब गंभीर को लेकर गंभीर होगा नगर निगम


उज्जैन में गर्मी का दौर शुरू होते ही पानी का संकट खड़ा हो जाता है। इसे नगर निगम की लापरवाही माने या अधिकारियों का उदासीन रवैया की उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी को हर बार नगर निगम गंभीरता से नहीं लेकर पानी का मजाक बना देता है इसी के चलते इस बार पहले से   गंभीर बांध की गंभीर होती स्थिति देखने के बाद नगर निगम आने वाले दिनों में एक दिन छोड़ कर जल प्रदाय करने पर विचार कर सकता है। मौजूदा स्थिति में बांध में 775 एमसीएफटी पानी संग्रहित है। एक दिन छोड़कर पानी सप्लाय होता है तो शहर की 111 दिन की प्यास बुझाई जा सकती है। शनिवार को महापौर और अधिकारियों ने बांध की स्थिति देखी है। विचार के बाद जल प्रदाय का निर्णय होगा।

अप्रैल की शुरुआत में ही गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है। गरमी के कारण भू-जल रिसाव और वाष्पीकरण के कारण गंभीर डेम से पानी की खपत बढ़ गई है। वर्तमान में प्रतिदिन 9 एमसीएफटी सप्लाई हो रहा है। बांध में आज की स्थिति में 775 एमसीएफटी पानी शेष है। उपलब्ध पानी से यदि एक दिन छोड़ कर शहर में सप्लाई की जाती है तो जुलाई तक पानी दिया जा सकता है।

महापौर मुकेश टटवाल का कहना है कि शहर की जनसंख्या के साथ-साथ प्रतिदिन बाहर से आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। जल की पूर्ति भी पीएचई के माध्यम से की जाती है। चाहे वो होटलें हो या धर्मशाला हों। आज हमारे पास 75 दिन का पानी है। संकट उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए बांध की स्थिति देखने आए है। चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।

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