शनिचरी अमावस्या पर पहली बार ऑनलाइन दान की व्यवस्था
उज्जैन| प्रसिद्ध श्री नवग्रह शनि मंदिर त्रिवेणी पर शनिचरी अमावस्या के लिए अन्य व्यवस्थाओं के साथ ही पहली बार जिला प्रशासन ने ऑनलाइन दान के लिए मंदिर परिसर में क्यूआर कोड लगाए हैं। जिसके माध्यम से दर्शनार्थी सहजता से दान कर सकेगें। वहीं मंदिर परिसर में चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए 70 जूम कैमरे लगाए गए हैं। प्रशासन का अनुमान है कि इस बार शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से करीब 3 लाख श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान और नवग्रह शनि देव के दर्शन के लिए पहुंचेंगे।इंदौर रोड स्थित नवग्रह शनि मंदिर में शनिचरी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान और दर्शन के लिए पहुंचेंगे। लिहाजा प्रशासन ने सुविधा पूर्वक दर्शन कराने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की है। त्रिवेणी के सभी घाट पर फव्वारे से स्नान की व्यवस्था के साथ ही महिलाओं को वस्त्र बदलने, पनौती के रूप में पुराने वस्त्र और जूते छोडऩे के लिए अलग स्थान तय किया है। श्रद्धालुओं को नदी में जाने से रोकने के लिए वे बेरिकेट्स लगाए है। वहीं मुख्य सड़क से मंदिर परिसर में 2 स्तर पर बैरिकेटिंग की गई है, जिसमें एक और से श्रद्धालु घाट पर स्नान के लिए जाएंगे और दर्शन के बाद बाहर आएगें। इसी तरह दूसरे बेरिकेट्स से वे श्रद्धालु जाएंगे जो केवल शनिदेव के दर्शन करने के लिए आएंगे। शुक्रवार रात 12 बजे कलेक्टर आशीष सिंह मंदिर पहुंचकर शासकीय पूजन करेंगे। इसके बाद आधी रात से ही स्नान और दर्शन का क्रम शुरू हो जाएगा। नवग्रह शनि मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा।
ऑनलाइन दान के लिए लगाए क्यूआर कोड
त्रिवेणी घाट स्थित नवग्रह श्री शनि मंदिर में पहली बार प्रशासन की ओर से ऑनलाइन दान करने के लिए मंदिर परिसर में बोर्ड पर क्यूआर कोड लगाए गए है। इस व्यवस्था से दर्शनार्थी मोबाईल फोन के माध्यम से ऑनलाइन दान कर सकेंगे। तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा ने बताया कि शनिचरी अमावस्या पर सामान्यत: जो दर्शनार्थी आते हैं वह 1,2, 5 और 10 रूपए के सिक्के मंदिर में चढ़ाते है। इस बार सिक्कों की परेशानी को देखते हुए दर्शनार्थियों से अपील की जा रही है कि श्रद्धालु दान के लिए क्यूआर कोड स्केन कर उपयोग करें। इससे मंदिर में दान के रूप में आने वाली चिल्लर की समाप्त हो सकती है। दान की राशि सीधे मंदिर समिति के खाते में जाएगी।