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थाना प्रभारी नीलगंगा एवं उनके स्टाफ़ द्वारा धर्मेन्द्र प्रजापत और उसके परिवार के साथ मारपीट किये जाने के संबंध में जो जानकारी मीडिया में दी जा रही है वह पूर्ण रूप से असत्य है


"थाना प्रभारी नीलगंगा एवं उनके स्टाफ़ द्वारा धर्मेन्द्र प्रजापत और उसके परिवार के साथ मारपीट किये जाने के संबंध में जो जानकारी मीडिया में दी जा रही है वह पूर्ण रूप से असत्य है । थाना नीलगंगा पर ऐसी कोई भी मारपीट की घटना नहीं हुई है।"
▪️ घटना का विवरण – दिनांक 24.08.2024 को सूचनाकर्ता शोभा प्रजापत पति विक्की प्रजापति द्वारा अपने पति विक्की प्रजापत के धर्मेन्द्र प्रजापत के यहां पर काम पर जाने का बोलकर जाने के बाद से दिनांक 22.08.2024 से लापता होने की रिपोर्ट लेख कराई गई थी जिसकी रिपोर्ट पर से थाना नीलगंगा पर गुमशुदगी क्रमांक 93/24 पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया था।
गुमशुदगी जांच के दौरान गुमशुदा की पत्नी एवं भाई के कथन लेख किये गये तथा दिनांक 30.08.2024 को गुमशुदा विक्की प्रजापत के स्वयं थाने पर उपस्थित होने पर पूछताछ कर जांचकर्ता द्वारा कथन लिये जाने पर विक्की प्रजापत के द्वारा बताया गया कि धर्मेन्द्र प्रजापत से उसके द्वारा दो वर्ष पूर्व 75 हजार रूपये उधार लिये गये थे तथा जिसके एवज में वह प्रतिमाह 2 हजार रूपये धर्मेन्द्र प्रजापत कटवाकर 6 हजार रूपये धर्मेन्द्र प्रजापत से वेतन के रूप में प्राप्त कर उसके ईटो के कारोबार में मुनीम की नौकरी कर रहा था। विक्की प्रजापत नें अपने कथन में बताया कि प्रतिमाह 2 हजार रूपये कटाने के बाद भी धर्मेन्द्र प्रजापत उस पर पूरे 75 हजार रूपये की उधारी होना बताकर तथा बीमार होने पर भी उसे छुट्टी नही दे रहा था और बलात्सश्रम के लिये दबाब बनाते हुए झूठे आरोप लगा रहा था तब दिनांक 19.08.2024 को रक्षाबंधन होने एवं तबियत खराब होने के कारण वह धर्मेन्द्र प्रजापत के पास काम करने के लिये नही गया तो धर्मेन्द्र प्रजापत नें उसके घर पर आकर उसे अपनी कार में जबरदस्ती ले जाकर मंछामन चौराहे पर चाकू एवं पिस्टल दिखाकर काम छोङने पर जान से मारने की धमकी दिये जाने के बाद छोङे जाने पर धर्मेन्द्र प्रजापत के भय के कारण मोबाइल बंद कर दो दिनो तक उज्जैन रेल्वे स्टेशन पर रहना एवं बाद में जयपुर चले जाने का बताया तथा बाद में वापस आने पर बयान देने के लिये आने का बताया । इसके अतिरिक्त गुमशुदा विक्की प्रजापत ने अपने कथन में पूर्व में भी वर्ष 2014 से 2018 के मध्य धर्मेन्द्र प्रजापत द्वारा उसे दिये गये 40 हजार रूपये उधारी के एवज में दुर्व्यवहार करते हुए जबरन श्रम कराये जाने एवं उसके द्वारा नौकरी छोङने का बोलने पर उसकी पत्नी सोनू उर्फ हंसा प्रजापत से उसके विरूद्ध छेङछाङ की झूठी रिपोर्ट लेख कराकर बाद में एक लाख रूपये लेकर राजीनामा किये जाने का बताया तथा राजीनामे में दिये गये एक लाख रूपये के कारण उधारी हो जाने से आर्थिक तंगी के कारण मजबूरी में पुनः धर्मेन्द्र प्रजापत से 75 हजार रूपये लेकर नौकरी किये जाने का बताया।
दस्तयाब गुमइंसान विक्की प्रजापत के द्वारा दस्तयाबी कथन में धर्मेन्द्र प्रजापत के विरूद्ध लगाये गये आरोपो के संबंध में जांचकर्ता द्वारा धर्मेन्द्र प्रजापत को थाने पर कथन एवं पूछताछ हेतु बुलाया गया तो धर्मेन्द्र प्रजापत अपनी पत्नी हंसा उर्फ सोनू एवं पुत्र गौरब प्रजापत के साथ थाने पर आकर विक्की प्रजापत से धमकी भरे स्वर में बातचीत की एवं साथ ही पुलिस पर अनर्गल आरोप लगाकर अभद्रता पूर्ण वार्तालाप किया जिस व्यवहार में उसकी पत्नी भी समान रूप से अभ्रदता पूर्ण आचरण कर रही थी तब थाना प्रभारी नीलगंगा के द्वारा धर्मेन्द्र प्रजापत को उसकी पत्नी की आवश्यकता नही होने पर भी थाने पर लाकर अनर्गल विवाद की स्थिति उत्पन्न करने पर थाने के बाहर पहुचाने हेतु बोले तो उक्त दोनो के द्वारा अभ्रदता पूर्ण तरीके से आचरण किया जाने लगा इस दौरान धर्मेन्द्र प्रजापत के पुत्र गौरब के द्वारा बिना अनुमति के थाने की मोबाइल फोन से बीडियो रिकार्डिग किये जाने के प्रयास को थाने के कर्मचारियो द्वारा रोके जाने पर उनके साथ विवाद किया जाने लगा तब थाना प्रभारी द्वारा महिला पुलिस बल एवं अन्य थाना स्टांप की मदद से धर्मेन्द्र प्रजापत एवं उसकी पत्नी हंसा उर्फ सोनू व उसके पुत्र गौरव को धारा 172 बीएनएसएस के प्रावधान में अभिरक्षा में लिया जिसके उपरांत धर्मेन्द्र प्रजापत की ओर से अभिभाषक श्री सिसोदिया के द्वारा उपस्थित आकर धर्मेन्द्र प्रजापत उसकी पत्नी एवं पुत्र का माफी आवेदन पेश किये जाने पर उक्त तीनो को थाना प्रभारी द्वारा छोङ दिया गया था। जिसके उपरांत धर्मेन्द्र प्रजापत एवं उसका परिवार अपराध कायम होने के डर से स्वयं जिला अस्पताल में भर्ती होकर पुलिस पर मारपीट का निराधार आरोप लगा रहा हैं।
धर्मेन्द्र प्रजापत के विरूद्ध दस्तयाब गुमइंसान विक्की प्रजापत के कथन के आधार पर उधार दिये रूपयो के दबाब में बलातश्रम कराये जाने के लिये दिनांक 19.08.2024 को कार में परिरूद्ध रखने एवं अपहृत कर ले जाये जाने तथा चाकू एवं पिस्टल दिखाकर काम छोङने पर जान से मारने की धमकी दिये जाने के संबंध में उचित धाराओ में थाना नीलगंगा पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी धर्मेन्द्र प्रजापत के विरूद्ध पूर्व में भी ऋणियो के सरक्षण अधिनियम सहित मारपीट एवं महिला संबंधी अपराध के 5 मामले पंजीबद्ध होना पाये गये है, हंसा पति धमेंद्र व गौरव पिता धर्मेन्द्र के विरुद्ध पूर्व में भी गाली- गलौच, मारपीट, सहित ऋणियो के सरक्षण अधिनियम के तहत् अपराध पंजीबद्ध हैं, विक्की पिता कैलाश के विरुद्ध पूर्व में महिला के साथ छेड़छाड़, मारपीट सहित सुसंगत धाराओं में अपराध दर्ज है।
आरोपियों द्वारा अपराध कायम होने के डर से थाना प्रभारी नीलगंगा एवं थाना नीलगंगा के पुलिस स्टाफ़ पर असत्य व निराधार आरोप लगाकर पुलिस की छवि समाज में धूमिल करने प्रयास किया गया है इस संबंध में भी आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जावेगी।

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