बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर फिर लौटा
पश्चिमोत्तर भारत के मैदान क्षेत्रों में माध्य समुद्र तल से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 203 से 213 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उपोष्ण पश्चिमी जेट स्ट्रीम हवा बह रही है। इसके प्रभाव से शहर और आसपास के मौसम में बदलाव महसूस किया जा रहा है। अलसुबह सर्द हवा चलने का दौर जारी है जबकि दिन में धूप के तेवर तीखे हो गए हैं।
शासकीय जीवाजी वेधशाला के अनुसार सोमवार को दर्ज तापमान के आंकडे देखें तो दिन और रात के तापमान में 18.3 डिग्री का अंतर आया है। अधिकतम तापमान 31.5 और न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री रहा। लगातार दूसरे दिन पारा 31 के पार रहने से गर्मी महसूस होने लगी है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उज्जैन प्रदेश के उन चार शहरों में रहा जहां सामान्य से ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। वे शहर हैं भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन और जबलपुर। 19 फरवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसके प्रभाव से दिन के साथ रात के तापमान में भी बढ़ोतरी होने की बात कही जा रही है।
मौसम विज्ञान विभाग में एक सप्ताह में दिन के साथ रात के तापमान में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है। विभाग के अनुसार इस दौरान शाम ढलने के बाद भी गर्म हवा महसूस होगी। दिन के साथ रात के तापमान में दो से तीन डिग्री की वृद्धि हो सकती है। हालांकि सर्दी का दौर अभी खत्म नहीं होगा। मध्य रात्रि में सर्दी इसी तरह जारी रहेगी दिन में आसमान साफ रहने से धूप के तेवर और ठीक होने की संभावना है।
मौसम में बदलाव का असर सेहत पर पड़ रहा है। इस माह में जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या बड़ी है। डॉक्टर्स का कहना है कि तापमान में आए अंतर से बड़ी तेजी से वायरस इंफेक्शन बढ़ रहा है। इस माह जिला अस्पताल में सर्दी, बुखार और खांसी के मरीज 10 से 15 प्रतिशत बढ़े है। पिछले माह तक जहां मरीजों की संख्या 200 के अंदर ही रहती थी लेकिन 200 के पार हो रही है व यह और बढ़ेगी। अभी सर्दी, खांसी, वायरल के साथ गले में इंफेक्शन व शरीर में दर्द जैसी समस्याएं भी आ रही हैं।
जिला अस्पताल के जनरल मेडिसिन विभाग एचओडी डॉ. एचपी सोनानिया ने बताया कि जब भी मौसम बदलता है तो बड़ी ही तेजी से वायरस इंफेक्शन होता है। वर्तमान में अस्पताल में मरीजों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। अधिकांश लोगों में हाथ पैर दर्द के बाद फीवर आने की परेशान मिल रही है, यह सब वायरल फीवर ही है, जो कि संपर्क होने से एक से अन्य व्यक्ति को हो ही जाता है। जब तक मौसम एक समान नहीं होगा या तापमान में अंतर कम नहीं होगा, सेहत पर और अधिक ध्यान देना जरूरी है।
दिनचर्या और आहर का पर ध्यान देन जरूरी- सोनानिया डॉ. सोनानिया ने बताया दिनचर्या को सही रखें। बुखार आता है तो कोशिश करें कि बच्चे और बुजुर्गों से ज्यादा संपर्क न रखा जाए। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले आहर लें। साथ ही पोष्टिक आहार का सेवन करें और बाहर का खाना विशेष रूप से तला हुआ खाना खाने से बचें। सुबह योगा व दोपहर में गर्मी लगने पर ठंडा आहार न लें, लिक्विड आहार लेना चाहिए पर उसका तापमान सामान्य होना चाहिए।