अनुपयोगी व खुले नलकूपों में ढक्कन या केप से बन्द करने के निर्देश आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही होगी
उज्जैन- उच्चतम न्यायालय के आदेश और जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के सचिव
के आदेशों के परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह ने अनुपयोगी व खुले
नलकूपों में छोटे बच्चों के गिरने सम्बन्धी तथ्य सदा संज्ञान में आने के फलस्वरूप घटनाओं की संभावनाओं
को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा-163 के तहत उज्जैन जिले की
राजस्व सीमा क्षेत्रांतर्गत अनुपयोगी व खुले नलकूपों में ढक्कन या केप से बन्द करने के सम्बन्ध में
प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जिन बोरवेल का उपयोग नहीं किया जाता है या जिन बोरवेल में मोटर
नहीं डाली है तथा जिनमें केप नहीं लगा हुआ है, उक्त खुले बोरवेल के सम्बन्धित मकान मालिक, किसान,
संस्था को केप लगवाये जाने के आदेश दिये हैं। अनुपयोगी अथवा खुले पड़े हुए बोरवेल को लोहे के मजबूत
ढक्कन, केप से नट-बोल्टों की सहायता से मजबूती के साथ बन्द करने के निर्देश दिये हैं।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह ने इस सम्बन्ध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
कर दिये हैं। आदेश के तहत जिले के सम्बन्धित क्षेत्र के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, कृषि विकास विस्तार
अधिकारी, उपयंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी अपने-अपने क्षेत्र का भ्रमण कर उक्त व्यवस्था सुनिश्चित करवाये
जाने के उत्तरदायी होंगे। उक्त आदेश जन-साधारण की सुविधा के लिये तत्काल प्रभावशील किया जाना
आवश्यक हो गया है, इसलिये जन-सामान्य व सभी पक्षों को उक्त सूचना की तामीली की जा सके। यह
आदेश एकपक्षीय पारित किया गया है। आदेश से व्यथित व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-
163(5) के अन्तर्गत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। अत्यन्त
विशेष परिस्थितियों में जिला दण्डाधिकारी न्यायालय संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तों से
छूट दे सकेगा। जिले में कोई भी व्यक्ति उक्त आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके विरूद्ध भारतीय न्याय
संहिता की धारा-223 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी। उक्त आदेश 28 अगस्त को जारी किया
गया है। यह आदेश 28 अगस्त से 27 अक्टूबर तक प्रभावशील रहेगा तथा उक्त प्रभावशील अवधि में उक्त
आदेश का उल्लंघन करने पर दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेंगे।