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अपने ही विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के काम से नाराज,उज्जैन SP की बड़ी कार्रवाई


उज्जैन पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा की कड़ी कार्रवाई: 21 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज

उज्जैन, 30 अगस्त 2024: उज्जैन के पुलिस अधीक्षक (SP) प्रदीप शर्मा ने हाल ही में अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज को लेकर असंतोष जताया है और इसके चलते 21 पुलिसकर्मियों को दंडित किया गया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि एसपी का लक्ष्‍य विभागीय अनुशासन को सख्ती से लागू करना और कर्तव्य के प्रति लापरवाही को समाप्त करना है।

कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई

एसपी प्रदीप शर्मा ने अपने आदेशों के तहत 21 पुलिसकर्मियों को दंडित किया है। इन कर्मियों पर वेतन वृद्धि रोकने और नगद अर्थदंड लगाने जैसे दंड लागू किए गए हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति सतर्क रहें, आम जनता के साथ उचित व्यवहार करें, और बिना सूचना के अपने कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित न रहें।

नियमों के उल्लंघन पर दंड

  1. महिला गुमशुदगी के प्रकरण: पुलिस मुख्यालय भोपाल की महिला सुरक्षा शाखा द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान न करने पर, उनि. सूबेदार सिंह दादोरिया और सउनि. अभिनव प्रताप सिंह को 500-500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

  2. सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल शिकायत: समय सीमा में शिकायतों का निस्तारण न करने पर, रक्षित निरीक्षक रंजीत सिंह राणा और उनि. रविंद्र कटारे को उनके कर्तव्य के प्रति लापरवाही के कारण 500 रुपये के अर्थदंड और सेवा पुस्तिका में निंदा की सजा दी गई है।

  3. सावन माह की सुरक्षा व्यवस्था: बाबा महाकालेश्वर की सवारी की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर, उनि. प्रदीप राजपूत को 500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

  4. मारपीट की रिपोर्ट में त्रुटि: थाना नीलगंगा के ड्यूटी अधिकारी चंदर सिंह चंद्रवंशी द्वारा प्रकरण के त्रुटिपूर्ण पंजीकरण के कारण 500 रुपये के अर्थदंड की सजा दी गई है।

लंबित प्रकरणों पर सजा

अपराध समीक्षा बैठक के दौरान लंबित गुम इंसानों के प्रकरणों की समीक्षा की गई। थाना इंगोरिया, खाचरोद और भाटपचलाना में लापरवाही पाई गई, जिसके चलते संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को 1000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। इसके अलावा, भविष्य में पुनरावृत्ति होने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

अनुशासनहीनता के अन्य मामलों में दंड

  1. चालानों की जमा न करना: पूर्व थाना चिमनगंज में कार्यरत प्र.आर. श्री चंचल पापोला को चालानों को जमा नहीं करने के कारण और आरक्षक नीरज चौबे को बिना सूचना के अनुपस्थित रहने के कारण एक वार्षिक वेतन वृद्धि की राशि के बराबर वेतन में कमी की सजा दी गई है।

  2. अनधिकृत अनुपस्थिति और अभद्र व्यवहार: प्र.आर. जितेंद्र द्वारा लगातार ड्यूटी से गैरहाजिरी और आमजन से अभद्र व्यवहार के कारण वेतन में कमी की सजा दी गई है।

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