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अब सिर्फ दो दिन में पार्ट हो जाएगा आपका मोबाइल नंबर



मोबाइल नंबर पोर्टेबिलीटी आने के बाद से मोबाइल यूजर्स के लिए अपने नंबर को कायम रखते हुए एक सर्विस प्रोवाइडर से दूसरे सर्विस प्रोवाइडर पर जाने में सुविधा हो गई लेकिन यह इतना भी आसान नहीं रहा। हालांकि, लगातार हो रहे प्रयासों के बाद अब यह प्रक्रिया और सुलभ हुई है। वहीं परेशान करने वाले ऑपरेटर्स पर जुर्माना लगाने की भी घोषणाा की है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने गुरुवार को मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) नियमों में बदलाव कर पूरी प्रक्रिया को तेज और सरल कर दिया है। इसके बाद अब कोई भी यूजर महज दो दिन में नंबर पोर्ट करवा सकेगा।

इसके तहत सर्विस एरिया के अंदर पोर्टआउट अनुरोध के लिए (कॉरपोरेट श्रेणी को छोड़कर) दो दिनों की समय सीमा निर्धारित की। इसी तरह एक सर्किल से दूसरे में सभी पोर्ट आउट अनुरोध के लिए चार कार्यदिवस की समय सीमा तय की गई। ट्राई ने कहा कि पोर्टिंग अनुरोध को गलत तरीके से खारिज करने पर हर दफा कंपनी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।

वर्तमान में, उपभोक्‍ता को एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्‍विच करने के लिए पहले ऑपरेटर के साथ 90 दिन तक बने रहना अनिवार्य है। इससे पहले, पोर्टिंग आवेदन पर कार्रवाई करने का अधिकतम समय 7 दिन था, जम्‍मू-कश्‍मीर, असम और नॉर्थ ईस्‍ट को छोड़कर, यहां यह अवधि 15 दिन थी।

सभी टेलीकॉम सर्किल में यूनिक पोर्टिंग कोड की वैधता अवधि को भी 15 दिन से घटाकर 4 दिन कर दिया गया है। इसका मतलब है कि यूपीसी जनरेट होने की तारीख से यह केवल 4 दिन तक ही वैध होगा। इससे पहले इसकी वैधता अवधि 15 दिन की थी। जम्‍मू-कश्‍मीर, असम और नॉर्थ-ईस्‍ट में यूपीसी की वैधता अवधि में बदलाव नहीं किया गया है।

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