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ऑनलाइन मॉर्केट प्‍लेस ने आसान बनाई ग्‍लोबल सेलिंग की राह



यदि आपने पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म 'सुई धागा' देखी है, तो इसने आपको जरूर चौंकाया होगा। फिल्म में वरुण धवन तथा अनुष्का शर्मा के किरदार मौजी व ममता दिखाते हैं कि यदि इरादा पक्का हो तो छोटा व्यवसाई भी अपने उत्पादों को वैश्विक बाजार में बेच सकता है। भारत के लाखों छोटे और मध्यम स्तर केव्यवसाइयों को भी Amazon जैसी ई—कॉमर्स वेबसाइट्स ने ऐसा ही ग्लोबल मंच दिया है। 

Amazon जैसी आॅनलाइन सामान बेचने वाली वेबसाइट्स ने भारत में एक नई क्रांति का आगाज किया है। भारत का कोई भी व्यवसाई अब अपने उत्पाद देश में हीनहीं बल्कि विदेशों में भी बेच सकता है। एक क्लिक पर Amazon.in पर रजिस्टर करने के बाद वह भारतीय बाजार में अपने उत्पाद आॅनलाइन बेच सकता है।इसके बाद वह अपनी उपस्थिति को देश की सीमाएं तोड़कर और आगे बढ़ा सकता है। वह अपने उत्पाद अमेरिका, यूरोप, जापान और आॅस्ट्रेलिया रीजन के 11मार्केटप्लेस पर बेच सकता है। इसमें उत्तर अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, ब्रिटेन, इटली, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश शामिल हैं। पहले जहां छोटे व्यवसाइयों केपास अपने उत्पाद बेचने के लिए मंच नहीं था, वहीं Amazon जैसा मार्केटप्लेस आने के बाद उनके लिए पूरा देश और दुनिया ही पसंदीदा बाजार बन गया है।

Amazon.in के आंकड़े बताते हैं कि इस मार्केटप्लेस पर 4 लाख से अधिक आॅनलाइन विक्रेता मौजूद हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 50 फीसदी सेज्यादा विक्रेता छोटे शहरों के हैं। इन विक्रेताओं में बड़ी संख्या में महिला उद्यमी और शिल्पकार व दस्तकार भी शामिल हैं। जो व्यवसायी पंरपरागत तरीके सेआॅफलाइन व्यवसाय करते हैं वे शुरुआत में ई—कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आने में थोड़ा हिचकते हैं, लेकिन उनकी यह हिचक कुछ ही समय में दूर हो जाती है।

'ए लैदर गुड्स' के संचालक अनस कहते हैं कि 2011 से पहले वे जिन फर्मों को अपने उत्पाद बनाकर दे रहे थे वे उनसे उत्पाद खरीदकर उन्हीं को विदेशों मेंअधिक मुनाफे पर बेच रही थी। उन्हें अपने भाई से Amazon.in की जानकारी मिली और वे इससे जुड़ गए। कुछ वर्षों तक भारतीय बाजार में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद पिछले साल उन्होंने Amazon.com के साथ अमरीका में अपने उत्पाद बेचना शुरू किया है और इसका उन्हें बहुत फायदा मिला है। अनस कहते हैं, 'अबमार्केट बहुत ओपेन हो गया है। हम दूसरों के लिए उत्पाद नहीं बना रहे हैं। हमारी दूसरे ट्रेडर्स पर डिपेंडेंसी कम हो गई है।'

अनस बताते हैं कि वे Amazon से इसलिए जुड़े क्योंकि यह एक भरोसेमंद मार्केटप्लेस है। अनस की कंपनी ने 2 प्रॉडक्ट्स के साथ बिजनेस शुरू किया और आज उनके 70 से अधिक प्रॉडक्ट मार्केटप्लेस पर मौजूद हैं। वे बताते हैं कि Amazon का सपोर्ट और लॉजिस्टिक पार्टनर बहुत अच्छे हैं। कोई भी नया व्यवसायी यहां अपना बिजनेस आसानी से शुरू कर सकता है।

अहमदाबाद की टॉवेल कंपनी 'नंदन टेरी' के रौनक चिरिपाल कहते हैं कि जब उन्हें Amazon.in के बारे में पता चला तो उन्होंने इसका ट्रायल लिया। ट्रायल सक्सेसफुल रहा तो उन्होंने इस मार्केटप्लेस पर अपने कई प्रॉडक्ट उतारे। आज उनका ब्रांड Amazon.in की टॉवेल श्रेणी में सबसे अच्छा व्यवसाय कर रहा है।रौनक बताते हैं कि यदि आपको दुनिया भर के नए कस्टमर्स के साथ जुड़ना है तो इसके लिए ई—कॉमर्स प्लेटफॉर्म सबसे अच्छा माध्यम है। उन्होंने बताया कि Amazon पर रजिस्टर करने से लेकर सामान की डिलीवरी और पेमेंट का प्रोसेस बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि यदि प्रॉडक्ट अच्छा हो, क्वालिटी अच्छी हो और बिजनेस में इन्वॉल्वमेंट रखा जाए तो आॅनलाइन ग्लोबल सेलिंग में सफलता निश्चित तौर पर मिलती है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में ई—कॉमर्स श्रेणी में बहुतग्रोथ हुई है। जो भी सही समय पर इसमें शामिल होगा उसके लिए तरक्की की राहें जल्दी खुलेंगी। 

अनस और रौनक जैसे ही लाखों ऐसे सफल विक्रेता और भी हैं जो कपड़े, शिल्प उत्पाद, हैंडीक्राफ्ट, सजावटी सामान, ज्वैलरी, रसोई के उपकरण आदि जरूरत का हर सामान Amazon जैसे मार्केटप्लेस पर बेच रहे हैं और अपनी छाप देश—दुनिया के वैश्विक बाजार में छोड़ रहे हैं। इस क्रांति में आप भी भागीदार हो सकते हैं। इसके लिए आपको हिचक छोड़नी होगी और संभावनाओं भरे बाजार में कदम रखना होगा। 

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