इस डर के कारण लोग तेजी से खाली कर रहे है झील का पानी
कर्नाटक के हुबली में एक HIV पॉजिटिव महिला ने झील में कूदकर आत्महत्या कर ली. मोराब गांव में हुई इस घटना के बाद लोगों ने पानी पीने से मना कर दिया. गांव में ऐसी अफवाह फैली की झील के पानी से लोगों को एड्स हो जाएगा. अब लोग झील को खाली कर दोबारा पानी भरने में लगे हुए हैं.
दरअसल, घटना उत्तर कर्नाटक के नावलगुंड तालुका की मोराब झील की है. यह इलाके की सबसे बड़ी झील है जिससे पूरे तालुका में पानी इस्तेमाल होता है. लेकिन लोग इसे खाली कर रहे हैं.
प्रशासन ने लोगों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके. इस बारे में धारवाड़ जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेंद्र डोड्डामनि ने बताया कि लोगों में अफवाह है कि पानी पीने से HIV फैल जाएगा. लोगों को समझाया गया कि पानी से HIV नहीं फैलता इसके बावजूद लोग नहीं माने और विभाग को झील खाली करने का काम शुरू करना पड़ा.
दरअसल, 29 नवंबर को एक महिला का शव मिला था. लोगों के बीच अफवाह फैल गई कि पानी संक्रमित हो गया है. गांववालों ने पानी पीने से मना कर दिया और ग्राम पंचायत और नावलगुंड तालुक प्रशासन से झील खाली कराने के लिए कहा.
प्रशासन ने लोगों से कहा कि पानी को टेस्ट किया जाएगा लेकिन वे नहीं माने. हारकर प्रशासन ने 20 साइफन ट्यूब्स और पानी की चार मोटरों से झील खाली करनी शुरू की है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला का शव गली अवस्था में पाया गया था और गांव के लोग संक्रमित पानी नहीं पीना चाहते. गांव के ही प्रदीप ने कहा कि अगर किसी आम इंसान का शव होता तो पानी पी भी लिया जाता लेकिन महिला HIV पॉजिटिव थी. इसलिए वह पानी कोई नहीं पीना चाहता. ग्राम पंचायत सदस्य लक्ष्मण पाटिल ने कहा कि अभी 60 फीसदी झील खाली करनी बाकी है और इसमें कम से कम 5 दिन लगेंगे.