यहॉं बनी दुनिया की सबसे बड़ी श्रीमद्भागवत गीता, कई धातुओं से मिलाकर बनी इन पुस्तक का वजन है 800 किलोग्राम
कुरुक्षेत्र। पवित्र ग्रंथ श्रीमदभगवद् गीता को लेकर कई रिकॉर्ड दुनिया भर में बने हैं। अब इस्कॉन संस्था ने विश्व की सबसे बड़ी गीता तैयार की है। 800 किलोग्राम की इस पुस्तक की छपाई में करीब ढाई साल लगे। 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में इसका लोकार्पण करेंगे।
इटली के मिलान शहर में डेढ़ करोड़ की लागत से बनी यह पुस्तक अगले हफ्ते समुद्री रास्ते से भारत लाई जाएगी। दुनिया की सबसे बड़ी और वजनी यह गीता फिलहाल दिल्ली मे ही रहेगी। 2020 के बाद इसे कुरुक्षेत्र में बन रहे श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर में स्थापित किया जा सकता है। तब तक इसे दिल्ली इस्कॉन मंदिर में ही देखा जा सकेगा।
इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद की ओर से गीता प्रचार के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह पुस्तक प्रकाशित कराई गई है। संस्था से जुड़े वेदांत बुक ट्रस्ट ने छपाई की है। इस पर खर्च इस्कॉन के हर सेंटर से एकत्रित किया गया था। 11 नवंबर को इसे मिलान में प्रदर्शित किया गया था।
सबसे बड़ी गीता में हैं 670 पृष्ठ
इस गीता में 670 पृष्ठ हैं, जिनका साइज 2.84 गुणा 2.0 मीटर है। इन्हें पलटने के लिए तीन से चार व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है। यह सिथेटिक के मजबूत कागज से तैयार की गई है। माना जा रहा है कि इन पर कई प्रकार की धातु लगाई गई है, जिनमें प्लेटिनम, सोना और चांदी मुख्य हैं।
कवर को स्वर्णिम धातु से तैयार किया गया है। 45 फीट के घोड़े आएंगे चीन से इस्कॉन प्रचार समिति की ओर से ज्योतिसर में श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। अभी तक इस पर 120 करोड़ रुपये ज्यादा की लागत आई है।
कुरुक्षेत्र इस्कॉन के मीडिया प्रभारी निताई दास का कहना है कि बाहर का ढांचा खड़ा हो चुका है। अब इंटीरियर का काम चल रहा है। यह मंदिर 2020 तक बनकर तैयार होगा। इसके बाद यह गीता यहां लाई जा सकती है। इसके लिए कुरुक्षेत्र इस्कॉन प्रभारी साक्षी गोपालदास ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं। श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर का निर्माण एक रथ की भांति किया जा रहा है। इसके आगे चार घोड़े खड़े किए जाएंगे और रथ रूपी मंदिर को खींचते नजर आएंगे। 45-45 फीट के यह घोड़े चीन में बनवाए जा रहे हैं।