1 से 10 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में लगी निर्माण कार्यों पर रोक, ये है वजह
नई दिल्ली। एक से दस नवंबर के बीच दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली तमाम गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि दिवाली पर प्रदूषण के स्तर में काफी इजाफा हो सकता है। ऐसे में पिछले दो सालों की तरह इस बार भी दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील न हो, इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कई कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है।
सीपीसीबी ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण व संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) को अपनी कुछ सिफारिशें भी भेजी हैं जिन्हें लागू करने पर ईपीसीए ने अपनी सहमति जताई है। शुक्रवार को सीपीसीबी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में सीपीसीबी के सदस्य सचिव डॉ. प्रशांत गार्गव ने बताया कि आने वाले दिनों में मौसम विभाग ने हवा की दिशा में बदलाव होने का पूर्वानुमान जारी किया है।
यह हवा उत्तर एवं उत्तर पश्चिम दिशा से चलेगी और अपने साथ पंजाब और हरियाणा में पराली जलने से उठने वाला धुआं भी दिल्ली तक लाएगी। दूसरी तरफ दीपावली के दौरान पटाखे जलाए जाने से भी प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी होगी। इसीलिए शुक्रवार को टास्क फोर्स की विशेष बैठक भी बुलाई गई। इस बैठक में इन सभी बिंदुओं के साथ ही पिछले साल की स्थिति और वायु गुणवत्ता की समीक्षा की गई।
टास्क फोर्स की बैठक के ही दौरान एक से दस नवंबर के बीच चार प्रमुख कदम उठाने की सिफारिशें की गई हैं। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए ईपीसीए को भेज दिया गया है। जागरण से बातचीत में ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा कि फिलहाल उन्हें सीपीसीबी की सिफारिशें प्राप्त नहीं हुई हैं, लेकिन इनके मिलते ही इन्हें लागू करने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
ये हैं सीपीसीबी की सिफारिशें
1. दिल्ली एनसीआर में निर्माण व खोदाई संबंधी कार्यों पर एक से दस नवंबर तक रोक लगाई जाए।
2. चार से दस नवंबर तक दिल्ली एनसीआर की कोयला एवं बॉयोमास से चलने वाली तमाम औद्योगिक इकाइयों को बंद रखा जाए।
3. एक से 10 नवंबर तक दिल्ली व उसके सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ पुलिस सघन अभियान चलाए, साथ ही जाम न लगे, इसके लिए भी ट्रैफिक नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
लोगों को दी है यह सलाह
सीपीसीबी ने दिल्ली व एनसीआर के निवासियों को सलाह दी है कि वे एक से दस नवंबर के बीच कम से कम यात्रा करें। अगर इस दौरान यात्रा जरूरी हो तो निजी वाहनों से विशेषकर डीजल वाहन के प्रयोग से बचें। जितना संभव हो, सार्वजनिक वाहन का ही प्रयोग करें।