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शेष कर्मचारियों को किया निलंबित‎: महाकाल के कर्मचारियों की जमानत खारिज होने का बड़ा कारण ट्रांजेक्शन नहीं बता पाना


महाकाल मंदिर में रुपए लेकर दर्शन कराने के मामले में मंदिर के 10 अधिकारी-कर्मचारी आरोपी बने हैं, इनमें दाे की शुरुआत में ही सेवा समाप्त की जा चुकी है। शेष पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनकी भी सेवा समाप्ति की तैयारी की जा रही है, जिसका प्रस्ताव प्रशासक अनुकुल जैन ने कलेक्टर नीरजकुमार सिंह को भेज दिया है।

प्रशासन द्वारा इसी प्रकरण में इतनी जल्दबाजी चर्चा में है। लोगों का कहना है कि मामले में अधिकारी-कर्मचारियों पर फिलहाल आरोप है, जांच जारी है। फिर इस तरह की कार्रवाई जल्दबाजी ही मानी जाएगी। इधर, मंदिर के दर्शन प्रभारी समेत चार कर्मचारियों की जमानत निरस्त किए जाने के चार बड़े कारण सामने आए हैं। अब जमानत के लिए संभवत: हाईकोर्ट से ही सुनवाई होगी।

भस्मआरती, नंदी हॉल व आईटी सेल तक में बदलाव, जांच दल होगा गठित महाकाल मंदिर में भस्मआरती से लेकर नंदी हऑल, आईटी सेल तक में अधिकारी व कर्मचारियों के विभाग, जगह बदली जा रही है, इसकी शुरुआत कर दी गई है। मंदिर में दर्शन के नाम पर धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार किए जाने की घटना सामने आई, उसके बाद ये कदम उठाया गया है। मंदिर प्रशासक व एडीएम अनुकुल जैन ने बताया कि आगे कोई गड़बड़ी न हो, इसे लेकर मंदिर के अधिकारी व कर्मचारियों की ड्यूटी की जगह बदली जा रही है।

आईटी सेल में शाम 7 के बाद जो भस्मआरती परमिशन का मामला सामने आया है, उसके लिए जल्द जांच कमेटी गठित की जाएगी। इधर, महाकाल थाना टीआई नरेंद्रसिंह परिहार ने बताया भस्मआरती प्रभारी, दो मीडियाकर्मी समेत पूर्व मंदिर समिति सदस्य की तलाश की जा रही है। सभी के मोबाइल बंद है। घर पर भी दबिश दी गई है।

जेल में 48 घंटे से ज्यादा है तो कर सकते हैं सेवा समाप्त महाकाल मंदिर के जिन अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन व सेवा समाप्ति की तेजी से कार्रवाई की जा रही है, वह की जा सकती है। क्योंकि वे मंदिर समिति के कर्मचारी हैं। अगर वे शासकीय व स्थायी अधिकारी-कर्मचारी होते तो शासन के नियमानुसार प्रकरण दर्ज होने पर उन्हें निलंबन ही कर सकते थे, सेवा समाप्त कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद की जाती। मंदिर के कर्मचारी समिति के हैं व 48 घंटे वे जेल रह चुके हैं, इसलिए कलेक्टर यह निर्णय ले सकते हैं। - हीरालाल त्रिवेदी, वरिष्ठ अभिभाषक व पूर्व आईएएस अधिकारी

ये चार बड़े कारण, जिसके लिए कोर्ट ने जमानत खारिज की

1. मंदिर के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा रुपए लेकर दर्शन कराने से आमजन की भावनाएं आहत हुई। 2. पुलिस ने तर्क रखा कि आरोपियों के बैंक खातों में रोज ट्रांजेक्शन पाया गया। अलग नंबर से रुपए खाते में आए। 3. खातों में बैंक ट्रांजेक्शन कहां से हुआ, किसने किया व क्यों किया, इसे लेकर आरोपी कारण नहीं बता पाए। 4. जमानत खारिज में पुलिस का एक तर्क यह भी रहा है कि अभी जांच प्राथमिक स्तर पर चल रही है व गिरफ्तारियां जारी हैं। कोर्ट ने इसलिए जमानत नहीं दी।

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