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दिल्‍ली में रामलीला मंचन के समय कलाकारों को हुई ये असुविधा


नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क में विष्णु अवतार रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला का भव्य आयोजन हो रहा था। रात के करीब दस बजे रहे थे।

दर्शक भावविभोर होकर रामलीला देख रहे थे। मूर्छित लक्ष्मण को राम गोद में लिए हुए थे। दर्शकों के चेहरे पर लक्ष्मण के घायल होने की पीड़ा साफ झलक रही थी। वे सोच रहे थे कि थोड़ी ही देर में संजीवनी बूटी आ जाएगी और लक्ष्मण फिर से मेघनाद को ललकारेंगे।

राम जी हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने का आदेश देते कि तभी मंच पर नेताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। हनुमान जी आदेश की, राम जी संजीवनी बूटी की और जनता लक्ष्मण के फिर से उठने की प्रतीक्षा कर रही थी। हनुमान जी बोर होकर एक बार स्टेज से उतरने भी लगे और लक्ष्मण ने राम जी की गोद में लेटे-लेटे एक झपकी ले ली।
इस बीच करीब डेढ़ घंटे तक श्रीराम लक्ष्मण को गोद में लिए बैठे रहे और हनुमान इंतजार करते रहे कि नेताओं की आवभगत कब खत्म होगी और वह कब लक्ष्मण को ठीक करने के लिए संजीवनी बूटी लेने जाएंगे।

दरअसल, जब रामलीला का मंचन हो रहा था तभी मंच पर कांग्रेस के नेता मुदित अग्रवाल पहुंचे। आयोजकों ने मंचन को बीच में रोका। पता चला कि अग्रवाल का जन्मदिन है तो लोग मंच पर बधाई देने आने लगे।
इसी दौरान सांसद मनोज तिवारी भी रामलीला में पहुंचे। उन्हें आयोजकों ने मंच पर बुलाया, लेकिन वह मंच पर नहीं चढ़े। इसके बाद मुदित अग्रवाल नीचे आए और सांसद से हाथ मिलाया और चले गए। लीला फिर शुरू हुई। दृश्य पूरा नहीं हुआ और सांसद को मंच पर बुला लिया गया।

कलाकारों को जिस मुद्रा में रोका गया था वे उसी मुद्रा में खड़े रहे। सांसद जैसे ही मंच पर पहुंचे उन्होंने कलाकारों व दर्शकों के हाव-भाव को देखकर समिति को आड़े हाथ लिया।
मनोज तिवारी ने कहा कि रामलीला में वीआइपी कल्चर खत्म होना चाहिए। रामलीला की एक गरिमा होती है। यह भगवान के स्वरूपों का मंचन है, इसके जरिये नई पीढ़ी में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के संस्कार पिरोने का प्रयास किया जाता है। अभी मैं देख रहा था कि कई लोग जूते पहनकर मंच पर चढ़ गए, यह बहुत गलत तरीका है।
अगर नेताओं का स्वागत करना है तो अलग से एक मंच बनाओ। इस तरह से बीच में लीला का मंचन रोकने से पाप लगेगा। जनता नेताओं का भाषण सुनने नहीं आई, बल्कि प्रभु राम की लीला देखने आई है।

तिवारी ने खुद भजन गाए और कहा कि ऐसा आदर्श पेश करो कि अगले दशहरे पर प्रधानमंत्री यमुनापार की रामलीला में आकर रावण के पुतले का दहन करें। सांसद के जाने के बाद लक्ष्मण जी के उपचार वाला दृश्य करीब आधे घंटे में पूरा किया गया।

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