इंजीनियर ने बनाई मॉं दुर्गा की 55 मिमी छोटी प्रतिमा
खरगोन। माइक्रो आर्ट के क्षेत्र में चर्चित कलाकार ने एक नायाब कलाकृति गढ़ी है। संभव: देश में सबसे छोड़ी दुर्गा प्रतिमा के रूप में तैयार इस कलाकृति को 10 अक्टूबर को बकायदा मंदिर में स्थापित की जाएगी। श्रद्धालुओं को इस मूर्ति के दर्शन के लिए उत्सुकता बनी हुई है।
यह मूर्ति अशोक गर्ग दो माह में तैयार की है। गर्ग ने वर्ष 2015 में सबसे छोटे सवा दो इंच आकृति के गणेश मूर्ति को बनाकर स्थापित कि या था। दुर्गा प्रतिमा कोलकाता की दुर्गा मूर्ति के समान तैयार की गई। उन्होंने मिट्टी, एमसील, कुंदन और डायमंड के टुकड़ों से यह मूर्ति बनाई है।
सब इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त गर्ग पिछले 43 वर्षों से माइक्रो ऑर्ट कला से जुड़े है। शुरुआत में उन्होंने सबसे पहले चावल के दाने पर रघुकु ल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई... गीत लिखा था। इसके अतिरिक्त 5 मिमी की बजने वाली बांसुरी और 8.8 मिमी की सूक्ष्म शतरंज भी बना चुके हैं।
उन्हें एक ही वर्ष में तीन बार गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड बना चुके है। उल्लेखनीय है कि गर्ग द्वारा रचित भजनों के संग्रह की पुस्तक का भी विमोचन हुआ है। गर्ग इन दिनों कई बच्चों और युवाओं को इस विधा में प्रशिक्षण दे रहे है।