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जस्टिस रंजन गोगोई बने देश के 46वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ


नई दिल्ली। गंभीर, अनुशासनप्रिय, मितभाषी जस्टिस रंजन गोगोई न्यायपालिका के नए मुखिया बन गए हैं। गोगोई ने बुधवार को भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई।
व्यवस्थित रहना और सारी चीजें करीने से रखना पसंद करने वाले जस्टिस गोगोई से देश और न्यायपालिका को काफी उम्मीदें हैं। अदालतों में लगा करोड़ों मुकदमों का ढेर और न्यायाधीशों के खाली पड़े पद जस्टिस गोगोई के लिए एक बड़ी चुनौती होंगे।
हालांकि उन्होंने पद संभालने से पहले ही एक बयान में इस ओर चिंता जताते हुए मुकदमों का बोझ खत्म करने के लिए कारगर योजना लागू किए जाने का संकेत दिया है जो कि न्यायपालिका के उज्ज्वल और सकारात्मक भविष्य की ओर इशारा करता है।

जस्टिस गोगोई बुधवार को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ के साथ प्रधान न्यायाधीश की अदालत में मुकदमों की सुनवाई करने बैठेंगे। पहले दिन भले ही उनकी अदालत में सुनवाई के लिए कम मुकदमे लगे हों लेकिन देश भर की अदालतों में लंबित 2.77 करोड़ मुकदमे नए मुखिया की नई योजना का इंतजार उनके शपथ लेते ही शुरू कर देंगे।
इन मुकदमों में 13.97 लाख मुकदमे वरिष्ठ नागरिकों के हैं और 28.48 लाख मुकदमे महिलाओं ने दाखिल कर रखे हैं। इतना ही नहीं उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट मे लंबित 54000 मुकदमे भी अपने मुखिया की नई कार्यप्रणाली और शीघ्र मुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। जस्टिस गोगोई का प्रधान न्यायाधीश के तौर पर करीब 14 महीने का कार्यकाल है। वह 17 नवंबर, 2019 तक इस पद पर रहेंगे।

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