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सीबीएसई ने दी बच्‍चों और अभिभावकों को 'मोमो चैलेंज' से दूर रहने की चेतावनी



बच्चों में स्मार्ट फोन और ऑनलाइन गेमों की बढ़ती आदत ने सीबीएसई की चिंता बढ़ा दी है। चिंता का सबसे बड़ा सबब ऐसे ऑनलाइन गेम हैं, जो बच्चों को खुदकशी की ओर धकेल रहे हैं।

सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर अभिभावकों व शिक्षकों को इसके प्रति आगाह किया है। उसकी चिंता खासतौर पर 'मोमो चैलेंज' गेम को लेकर है।

सर्कुलर के मुताबिक, कुछ दिनों पहले 'ब्लू व्हेल' गेम खेलकर देश-दुनिया में कई बच्चों ने खुदकशी करने की कोशिश की थी। इसी तरह मोमो चैलेंज गेम खेलने के लिए कोई बच्चा प्रयास न कर बैठे, इसके लिए सतर्क रहना होगा। बेहतर होगा कि उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाए।

सीबीएसई के डायरेक्टर एकेडमिक्स की ओर से प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल में बच्चे मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं तो गतिविधियों की जानकारी शिक्षक करें। अभिभावकों से संवाद करें।

सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर बलविंदर सिंह ने बताया कि अभिभावकों को इस खतरनाक गेम के संबंध में जानकारी देकर जागरूक करेंगे। बच्चों की काउंसिलिंग कर उन्हें इस गेम के नुकसान के प्रति जागरूक किया जाएगा।

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
- बच्चा परिवार व दोस्तों से अचानक बात करना कम कर दे।

-उदास और बुझे मन से रहने लगे, चेहरा उतरा-उतरा सा लगे।

-छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगे या चिड़चिड़ाने लगे।

- शरीर पर अचानक से कोई कटे का निशान या धब्बा दिखाई दे।

वाट्सएप से होती शुरुआत
इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों में बताया गया कि मोमो चैलेंज की शुरुआत वाट्सएप से होती है। अपरिचित कांटेक्ट के माध्यम से गेम का लिंक भेजा जाता है।

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