3 अक्टूबर को रंजन गोगोई संभालेंगे देश के अगले चीफ जस्टिस का पदभार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) होंगे। राष्ट्रपति ने जस्टिस रंजन गोगोई को अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया है।
वह प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद तीन अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश का पद संभालेंगे। जस्टिस दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
जस्टिस रंजन गोगोई प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के लिए की गई प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल थे।
परंपरा है कि सेवानिवृत्त होने वाले प्रधान न्यायाधीश अगले प्रधान न्यायाधीश के नाम की सरकार से सिफारिश करते हैं। इस परंपरा का पालन करते हुए जस्टिस दीपक मिश्रा ने गत चार सितंबर को जस्टिस रंजन गोगोई का नाम अपने उत्तराधिकारी के तौर पर सरकार को भेजा था।
18 नवंबर, 1954 को जन्मे जस्टिस गोगोई 28 फरवरी, 2001 को गुवाहाटी हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। इसके बाद उनका स्थानांतरण पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में हो गया था।
23 अप्रैल, 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर, 2019 को सेवानिवृत्त होंगे। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने ही अपने उत्तराधिकारी के तौर पर सरकार को उनका नाम भेजा था। जस्टिस मिश्रा, 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं।
केंद्र सरकार ने चीफ जस्टिस को एक खत लिखकर उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम पूछा था। जिसके बाद मौजूदा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने उनके बाद सबसे सीनियर जस्टिस रंजन गोगोई के नाम की मुख्य न्यायधीश के तौर पर सिफारिश की थी।
गौरतलब है कि रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायधीश हैं। रंजन उन चार जजों में से एक हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली और मुख्य न्यायधीश पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवालिया निशान लगाए थे। इन लोगों ने कहा था कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में है और चीफ जस्टिस अपने पद का फायदा उठाकर रोस्टर के मामले में मनमानी कर रहे हैं।