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आधार डेटा लीक नहीं, फैलाया जा रहा है भ्रम - यूआईडीएआई



नई दिल्ली। आधार डेटा की सिक्योरिटी एक ऐसा मुद्दा है, जो इसकी शुरुआत से ही सवालों के घेरे में है। अब आधार का डेटा फिर से एक बार खबरों में है क्योंकि तीन महीने तक चले एक इन्वेस्टिगेशन में दावा किया गया है कि एक सॉफ्टवेयर पैच है जो आधार आईडेंटिटी डेटाबेस में स्टोर डेटा की सिक्योरिटी को खतरे में डाल देता है।

इन खबरों के बीच कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि यूआईडीएआई में दर्ज लोगों के विवरण खतरे में हैं। हालांकि, इस दावे के बाद यूआईडीएआई ने साफ किया है कि ऐसा संभव नहीं है और इस मामले में भ्रम फैलाया जा रहा है।

The claims lack substance and are baseless. UIDAI further said that certain vested interests are deliberately trying to create confusion in the minds of people which is completely unwarranted. 2/n

— Aadhaar (@UIDAI) 11 September 2018

यूआईडीएआई ने ट्वीट कर साफ किया है कि डाटा हैक होने की खबरे पूरी तरह से गलत और गैरजिम्मेदाराना है। दावों का आधार नहीं है और इस मामले में भ्रम फैलाया जा रहा है।

यूआईडीएआई ने यह भी कहा है कि कोई भी ऑपरेटर तब तक आधार बना या अपडेट नहीं कर सकता है जब तक कोई निवासी स्वयं अपनी बॉयोमेट्रिक डिटेल उसे ना दे दे।

बता दें कि इससे पहले "हफपोस्ट इंडिया" की रिपोर्ट में बताया गया था कि एक पैच, जिसे यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) द्वारा डेवलप नहीं किया गया है, इसकी मदद से कथित तौर पर हैकर्स आधिकारिक आधार एनरोलमेंट सॉफ्टवेयर के सिक्योरिटी फीचर को बंद कर अनधिकृत आधार नंबर जेनरेट कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी अनधिकृत व्यक्ति 2,500 रुपए में आसानी से मिलने वाले इस पैच के जरिए दुनियाभर में कहीं भी आधार आईडी बना सकता है।रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा- "आधार नामांकन सॉफ्टवेयर के हैक हो जाने से आधार डेटाबेस की सुरक्षा खतरे में आ सकती है। हमें उम्मीद है कि अधिकारी भावी नामांकनों को सुरक्षित करने और संदिग्ध नामांकनों की पुष्टि के लिए उचित कदम उठाएंगे।"

बता दें कि पिछले महीने फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डर्सन ने यूआईडीएआई से सवाल किया था कि क्यों यूआईडीएआई का हेल्पलाइन नंबर कई लोगों के फोन पर उनकी जानकारी के बिना दर्ज हो गया था। इस पर काफी विवाद हुआ था। अब उन्होंने एक बार फिर कहा है कि यूआईडीएआई डेटा में सेंध को रोकने के लिए हैकर्स के साथ काम करें।

उन्होंने कहा- "मैं दोहराता हूं कि कोई भी चीज ऐसी नहीं है, जिसे हैक नहीं किया जा सकता। यह आधार पर भी लागू होता है। कभी भी बहुत देर नहीं होती। सुनिए और हैकर्स को धमकी देने के बजाय उनसे बात कीजिए।"

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