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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस का आज भारत बंद, 20 दलों का मिला समर्थन



 पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर कांग्रेस द्वारा बुलाए गए भारत बंद को कई विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है और इस बंद का असर सोमवार सुबह से ही नजर आने लगा है। बंद को द्रमुक, राकांपा, राजद, सपा और एमएनएस सहित देश की करीब 20 छोटी-बड़ी विपक्षी पार्टियों के समर्थन का दावा भी किया है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस, आप व बीजद ने बंद से अपने को अलग रखा है।

सोमवार सुबह से ही कई राज्यों में विभिन्न दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर तेल की कीमतों का विरोध करने उतरे। भुवनेश्वर में जहां पूरी तरह से बंद नजर आया वहीं आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सीपीएम कार्यकर्ताओं ने जाम लगा दिया।

कर्नाटक के करलबुर्गी में नॉर्थ ईस्ट कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट ने भी इस बंद के चलते एक भी बस सड़क पर नहीं उतारी।

कांग्रेस ने लोगों से शांतिपूर्ण बंद की अपील की है। बंद सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रखा गया है। उधर, राजस्थान सरकार ने कांग्रेस के बंद से एक दिन पहले तेल के दाम ढाई रुपए प्रति लीटर घटा दिए।

राजघाट पहुंचेंगी सोनिया
विरोध-प्रदर्शन के लिए पार्टी के सभी छोटे-बड़े नेता सोमवार सुबह नई दिल्ली स्थित राजघाट पर एकत्र होंगे। इस मौके पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद रहेंगी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 52 माह में जनता से 11 लाख करोड़ रुपए लूटे हैं। यह एक "मुनाफेवाली कंपनी" के रूप में चल रही है न कि सरकार के तौर पर।

20 दलों का समर्थन वरिष्ठ नेता
अजय माकन ने कहा कि बंद को 20 दलों का समर्थन है। राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन व वाम नेताओं ने बंद का खुला समर्थन किया है। केंद्र ने 11 लाख करोड़ कमाएकांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि केंद्र ने पिछले चार साल में 11 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं। चार साल में पेट्रोल पर 211.7 फीसदी और डीजल पर 443 फीसदी एक्साइज ड्यूटी बढ़ी है। मई 2014 में पेट्रोल पर 9.2 रुपए एक्साइज लगता था और अब 19.48 रुपए लगता है। वहीं मई 2014 में डीजल पर 3.46 रुपए एक्साइज था, जबकि अब 15.33 रुपए लगता है।

बंद का रास्ता ठीक नहीं : तृणमूल
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बढ़ी कीमतों को लेकर उनका विरोध तो है, लेकिन बंद का रास्ता ठीक नहीं है, इससे लोगों को परेशानी होती है। वहीं ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद ने भी तेल मूल्यवृद्धि का विरोध किया, लेकिन बंद का समर्थन नहीं किया।

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