देश आज मना रहा शिक्षक दिवस, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी बधाई
नई दिल्ली। 5 सितंबर यानी डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन जिसे पूरा देश शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है। आज देश में इस विशेष दिन का उत्साह है और शिक्षक दिवस पर हर गांव और शहर में विशेष आयोजन हो रहे हैं।
आज के दिन पूरे देश में देश के भविष्य का निर्माण करने वाले शिक्षकों का सम्मान किया जाता है। इस विशेष दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ना सिर्फ डॉ. एस राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि दी है बल्कि देश को इस दिन की शुभकामनाएं भी दी हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्विटर पर लिखा, 'शिक्षक दिवस पर मैं डॉ. एस. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। और देश के सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई देता हूं। राष्ट्र-निर्माण में और ज्ञान, शान्ति एवं सौहार्द से पूर्ण दुनिया के निर्माण में हमारे महान गुरु हमारी सहायता और मार्गदर्शन करें।'
पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर शिक्षण समुदाय को नमस्कार। शिक्षक युवा दिमाग को आकार देने और हमारे देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम अपने पूर्व राष्ट्रपति और एक प्रतिष्ठित शिक्षक, डॉ सरवेल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर नमन करते हैं।
पीएम मोदी ने शिक्षकों की भूमिका को सराहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के विजेताओं से बातचीत की और छात्रों की अंतर्निहित शक्ति को बाहर लाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री ने देश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों के लिए पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को बधाई दी।
उन्होंने शिक्षा की दिशा में समर्पण और उसे अपने जीवन का मंत्र बनाने के लिए शिक्षकों की सराहना की और कहा कि एक अध्यापक अपने पूरे जीवन में अध्यापक रहता है। बातचीत के दौरान मोदी ने शिक्षकों से समाज को स्कूल के विकास अभिन्न हिस्सा बनाने को कहा। प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान विजेताओं ने अपने स्कूलों को उत्कृष्टता केंद्रों में बदलने की अपनी कहानियां साझा की। 2017 के पुरस्कार के लिए शिक्षकों को बुधवार को पुरस्कृत किया जाएगा।
क्यो मनाया जाता है शिक्षक दिवस
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। वह एक महान दार्शनिक, शिक्षक और विद्वान भी थे। वह पूरी दुनिया को ही एक स्कूल मानते थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरूतनी गांव में हुआ।
राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने जीवन के 40 साल अध्यापन को दिए थे। राधाकृष्णन का मानना था कि बिना शिक्षा के इंसान कभी भी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता है इसलिए इंसान के जीवन में एक शिक्षक होना बहुत जरूरी है।
1962 में राधाकृष्णन के राष्ट्रपति बनने के बाद उनके सम्मान में लोगों ने 5 सितंबर के दिन को 'राधाकृष्णन दिवस' के तौर पर मनाने का फैसला किया। हालांकि खुद राष्ट्रपति ने इससे इनकार किया और 5 सितंबर को बर्थडे की बजाय 'टीचर्स डे' के तौर पर मनाए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसके बाद से हर साल इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। राष्ट्रपति राधाकृष्णन का निधन 17 अप्रैल 1975 को हो गया। मरणोपरांत उन्हें 1984 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।