अमेरिका के साथ भारत पहली 2+2 बैठक कल से होगी शुरू, ईरान-रूस से जुडे़ मुद्दों पर भी होगी बातचीत
नई दिल्ली. भारत-अमेरिका के बीच पहली 2+2 वार्ता गुरुवार को होगी। इसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच आतंकवाद, रक्षा सहयोग और व्यापार पर बातचीत होना तय है। इनके अलावा पाकिस्तान की नई सरकार पर दोनों देशों की राय, एच-1बी वीजा की प्रक्रिया में बदलाव जैसे मुद्दे भी अहम साबित हो सकते हैं।
भारत ईरान से तेल आयात करने और रूस से मिसाइल सौदे को अंतिम रूप दिए जाने पर अपना पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी कर चुका है। वह अमेरिका को सुरक्षा और अपने ईंधन संकट के बारे में समझाने की कोशिश कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों देश काफी समय से लंबित मामलों और संचार-सुरक्षा समझौते (सीओएमसीएएसए) पर एकमत हो सकते हैं। सीओएमसीएएसए से भारतीय सेना को अहम अमेरिकी सैन्य तकनीक हासिल करने में आसानी होगी।
12 सदस्यीय प्रतनिधिमंडल आएगा : सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत आने से पहले इस्लामाबाद जाएंगे। वहां से बुधवार को नई दिल्ली पहुंचेंगे। उनके साथ रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस मौजूद रहेंगे। वहीं, 12 सदस्यीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड भी शामिल हैं।
पहले दोनों मंत्रियों की अलग-अलग बैठक होगी : गुरुवार सुबह सुषमा स्वराज की पोम्पियो के साथ और सीतारमण की मैटिस के साथ अलग-अलग बातचीत होगी। इसके बाद दोनों देशों के मंत्री 2+2 बैठक करेंगे। लंच के बाद स्वराज, सीतारमण, पोम्पियो और मैटिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। पोम्पियो गुरुवार शाम ही अमेरिका चले जाएंगे, जबकि मैटिस शुक्रवार सुबह रवाना होंगे।
दो बार टल चुकी 2+2 बैठक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच जून 2017 में व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई थी। उस दौरान पहली 2+2 वार्ता को लेकर सहमति बनी। पहले यह बैठक अप्रैल 2018 में होनी थी, लेकिन ट्रम्प ने विदेश मंत्री रेक्स टिलेरसन को हटा दिया। तब तक माइक पोम्पियो की नियुक्ति नहीं हुई थी। इस वजह से वार्ता को टाला गया। दूसरी बार बैठक जुलाई 2018 में तय की गई, लेकिन अमेरिका ने बैठक आगे बढ़ाने की बात कही। इसकी वजह दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में आई खटास को माना गया।
अमेरिका-भारत की बैठक साल में दो बार होना तय : जून 2017 में बैठक के दौरान मोदी और ट्रम्प ने तय किया था कि द्विपक्षीय सहयोग के तहत रक्षा तकनीक और व्यापारिक पहल के मुद्दों पर बात करने के लिए दोनों देश हर साल दो बार बैठक करेंगे। इसके तहत पहली 2+2 वार्ता 6 सितंबर को हो रही है। इसके अलावा रक्षा और विदेश मंत्रालय स्तर की आखिरी बैठक 19 जुलाई 2018 को हुई। इसमें भारतीय रक्षा उत्पाद सचिव डॉ. अजय कुमार और अमेरिकी रक्षा अधिग्रहण विभाग की मंत्री एलन एम लॉर्ड ने बातचीत की। वहीं, 25 मार्च 2017 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस, गृह सुरक्षा मंत्री जॉन केली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैकमास्टर के साथ मुलाकात की थी।
मोदी भी चार बार जा चुके अमेरिका : भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंधों में सुधार के लिए 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार अमेरिका गए थे। इसके बाद जनवरी 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के 66वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए तो इसे दोनों देशों के संबंधों में सुधार की तरह देखा गया। इसके बाद मोदी 2015, 2016 और 2017 में अमेरिका जा चुके हैं।