10वीं पास को भी मिलेगा ड्रोन उड़ाने का लाइसेंस, जानें इसके बारे में सब कुछ
नई दिल्ली। आपके लिए यह देखना काफी रोमांचक होगा कि ऑनलाइन खरीदी गई चीज या खाने के किसी सामान की डिलीवरी करने घर पर कोई शख्स नहीं बल्कि ड्रोन करे। जल्द ही देश में ऐसा हो सकेगा। दरअसल, डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने सोमवार को ड्रोन के संचालन को लेकर दिशा-निर्देश तय कर दिए हैं, जो एक दिसंबर 2018 से लागू हो जाएंगे।
हालांकि, सरकार अभी इसे पहले पायलट प्रोजेक्ट की तरह लागू करना चाहती है। लिहाजा, ड्रोन से सामान की डिलिवरी का प्लान बना रही ई-कामर्स कंपनियों को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि ड्रोन का पायलट की आंखों से ओझल होने की मंजूरी नहीं मिली है। हालांकि, सरकार बाद में इस नियम को बदल सकती है।
250 ग्राम वजन से कम और 15 मीटर की ऊंचाई तक उड़ने वाले ड्रोन के साथ ही दो किलो वजन तक के 60 मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, इन्हें बच्चे खेलने में इस्तेमाल करते हैं, लिहाजा इन ड्रोन को उड़ाने में लाइसेंस नहीं लेने की छूट दी गई है।
इससे अधिक वजह और ऊंचाई में उड़ सकने में सक्षम सभी कैटिगरी के ड्रोन को रजिस्टर करवाना अनिवार्य होगा और उसके लिए लाइसेंस भी लेना होगा। इन ड्रोन का यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) भी होगा।
लाइसेंस के लिए क्या होंगे नियम
ड्रोन का लाइसेंस लेने के भी कुछ नियम बनाए गए हैं। ड्रोन पायलट बनने के लिए व्यक्ति की उम्र 18 साल होनी चाहिए। उसने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की हो और ड्रोन के लिए अंग्रेजी आनी भी जरूरी है।
सिर्फ दिन में ही उड़ा सकेंगे ड्रोन
सरकार के नियम के मुताबिक, ड्रोन को अधिकतम 400 फीट तक उड़ाया जा सकेगा। इसके साथ ही ड्रोन को उड़ाने वाले को यह हर स्थिति में दिखता रहना चाहिए होगा। यानी ड्रोन को ऐसी जगह पर नहीं भेजा जा सकेगा, जहां से यह पायलट को दिख नहीं रहा हो। सभी असैन्य ड्रोन सिर्फ दिन के समय ही उड़ान भर सकेंगे।
इन जगहों पर नहीं उड़ा सकेंगे ड्रोन
उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार ने कुछ एरिया 'नो फ्लाइ जोन' घोषित किया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब के एयरपोर्ट्स, विजय चौक, सचिवालय, मिलिट्री इलाके आदि शामिल हैं। इन जगहों पर ड्रोन को नहीं उड़ाया जा सकेगा।