पीएम मोदी ने 47वीं बार की 'मन की बात', केरल की बाढ़, अटल जी, रक्षाबंधन पर देशवासियों से की बात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 26 अगस्त को देशवासियों से 'मन की बात' की। यह उनका 47वां संबोधन है, जिसकी जानकारी पीएम मोदी ने शनिवार को खुद दी थी। मन की बात कार्यक्रम सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन सहित अन्य चैनल्स पर लाइव सुना जा सकता है।
रक्षाबंधन की शुभकामना के साथ मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के आपसी प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। जो सदियों से सामाजिक सौहार्द का भी एक बड़ा उदाहरण रहा है।
देश के इतिहास में ऐसी अनेक कहानियां हैं, जिनमें एक रक्षा सूत्र ने दो अलग-अलग राज्यों या धर्मों से जुड़े लोगों को विश्वास की डोर से जोड़ दिया था।
रक्षाबंधन के अलावा श्रावण पूर्णिमा के दिन संस्कृत दिवस भी मनाया जाता है। मैं उन सभी लोगों का अभिनन्दन करता हूं जो इस महान धरोहर को सहजने, संवारने और जन सामान्य तक पहुंचाने में लगे हैं। हर भाषा का अपना महत्म होता है। भारत इस बात का गर्व करता है कि तमिल भाषा विश्व की सबसे पुरानी फाषा है और हम सबी भारतीय इस बात पर भी गर्व करते हैं कि वेदकाल से वर्तमान तक संस्कृत भाषा ने भी ज्ञान के प्रचार-प्रसार में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
ज्ञान और गुरु अतुल्य है, अमूल्य है, अनमोल है। माँ के अतिरिक्त शिक्षक ही होते हैं जो बच्चों के विचारों को सही दिशा देने का दायित्व उठाते हैं और जिसका सर्वाधिक प्रभाव भी जीवन भर नजर आता है।
इसके अलावा मोदी ने केरल की बाढ़ का मुद्दा भी उठाया। मोदी ने कहा कि केरल में भीषण बाढ़ ने जन-जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया। आज इन कठिन परिस्थितियों में पूरा देस केरल के साथ खड़ा है। हमारी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को गंवाया है। जीवन की जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती है, लेकिन में शोक-संतृप्त परिवारों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सवा सौ करोड़ भारतीय दुख की इस घड़ी में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।