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आरसीएमएस के जरिये सारे राजस्व प्रकरणों का होगा निराकरण


जाति प्रमाण पत्र भी आरसीएमएस में दर्ज होगा, भू-राजस्व संहिता में 122 संशोधन प्रस्तावित, राजस्व वर्ष एक अक्टूबर के बजाये एक अप्रैल से शुरू होगा 

   मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आज इंदौर में संभाग  के राजस्व अधिकारियों  के साथ राजस्व की समीक्षा हुई। मुख्य सचिव श्री  सिंह ने कहा कि राज्य शासन अब सारे राजस्व प्रकरणों का आर.सी.एम.एस (रेवेन्यू केसेस मानीटरिंग सिस्टम) दर्ज कर निराकृत  करना अनिवार्य है। अब अजा/जजा/अपिव वर्ग के जाति प्रमाण पत्र भी आर.सी.एम.एस में दर्ज कर  समय-सीमा में निराकृत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि देश-काल- परिस्थिति के मद्देनजर राज्य शासन भू-राजस्व, संहिता में 122 संशोधन करेगा। यह संशोधन अगले साल लागू किया जायेगा। इससे जनता को बड़ी राहत मिलेगी। राजस्व प्रकरणों एवं विवादों में कमी आयेगी।

प्रमुख सचिव राजस्व श्री हरिरंजन राव ने बताया कि राजस्व अधिकारी नामांतरण, बटवारा और सीमांकन समय-सीमा में करना अनिवार्य है। इस काम में कोई हीलाहवाली बदार्शत नहीं की जायेगी। उन्होंने  बताया कि कि राज्य शासन भू-राजस्व संहिता में क्रांतिकारी बदलाव करने जा रहा है, जिसका लाभ प्रदेश की गई जनता को कई पीढ़ियों तक मिलेगा। प्रदेश में 8 हजार  पटवारियों को प्रशिक्षण दिया दिया जा रहा है। प्रदेश  किसान एप्प लागू होगा। गिरादवारी, न्यूनतम समर्थन  मूल्य, फसल बीमा योजना के भुगतान, पटवारी हलका निर्धारण पर भी चर्चा की गई। श्री राव ने कहा कि राजस्व  विभाग का मुख्य काम भू-अभिलेख को दुरूस्त करना है। अब भू-अभिलेख को ऑनलाईन किया जा रहा है। प्रदेश की सारी भूमि शासन की है। राजस्व विभाग डाटा परिमार्जन का काम भी कर रहा है। आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त का नाम बदलकर अब आयुक्त भू-अभिलेख कर दिया गया है। बंदोबस्त का काम 20 साल बंद हो चुका है।

आयुक्त भू-अभिलेख श्री एन. सेलवेन्द्रम् ने कहा कि  अब भू-स्वामी स्वयं ग्राम व नगर की भूमि के राजस्व शुल्क की गणना कर सकेंगे। अब 2 हजार से अधिक आबादी वाले ग्रामों को भू-राजस्व देना होगा। उन्होंने बताया कि पटवारियों को भू-राजस्व संहिता और आर.सी.एम.एस. का सघन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भू-राजस्व संहिता में नये संशोधन से मुकेदमेबाजी कम होगी। अब ग्राम और नगर का नक्शा अलग होगा। ग्राम में सर्वे क्रमांक और शहर में ब्लाक या प्लाट होंगे। डायवर्सन शुल्क अब वर्ग मीटर से लगेगा। राजस्व वर्ष अब एक अक्टूबर के स्थान पर एक अप्रैल से शुरू होगा। सबको राजस्व शुल्क देना होगा। बैठक को कमिश्नर श्री राघवेन्द्र सिंह ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर इंदौर संभाग के सभी कलेक्टर्स, सीईओ जिला पंचायत, सभी अपर कलेक्टर, सभी एसडीएम आदि मौजूद थे।

वीरेन्द्र सिंह गौर

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