पंचायत चुनाव मामले में ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनावों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य के पंचाय चुनाव में जिन सीटों पर केवल एक उम्मीदवार खड़ा हुआ था वहां के नतीजों को घोषित लिया जाएगा। इसके बाद ममता की पार्टी को बड़ी राहत मिली है क्योंकि राज्य में 35 प्रतिशत सीटों पर कोई दूसरा उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ था।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो भी चुनाव परिणाम से असंतुष्ट है, वह 30 दिनों के भीतर संबंधित कोर्ट के समक्ष अपनी चुनाव याचिका दायर कर सकता है। आज सुप्रीम कोर्ट ये तय करना था कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव को रद्द किया जाए या उन 20,158 सीटों पर फिर से चुनाव कराए जाएं जो तृणमूल कांग्रेस द्वारा बिना विरोध जीत ली गई हैं।
ध्यान रहे कि ग्राम पंचायत, जिला परिषद व पंचायत समिति की कुल 58692 सीटों पर हुए चुनावों में से 20159 सीटें निर्विरोध चुनी गई थीं। चुनावों के दौरान राज्य में जमकर हिंसा हुई और विपक्ष का आरोप था कि उनके उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया।
चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि सबसे ज्यादा हतप्रभ करने वाली स्थिति ग्राम पंचायत को लेकर है। 48650 सीटों में से 16 हजार पर बगैर किसी चुनाव के फैसला हो गया। बीरभूम, बांकुरा व मुर्शिदाबाद में हालात सबसे ज्यादा बदतर रहे। इसी तरह से जिला परिषद की 825, पंचायत समिति की 9217 सीटों पर मई में चुनाव हुए थे, जिनमें से 34 फीसद निर्विरोध चुनी गईं।
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि ईमेल के जरिये नामांकन स्वीकृत किए जाए और उन प्रत्याशियों के नामों की घोषणा गजट में न की जाए जो निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए कहा था कि पिछले फैसलों में साफ है कि एक बार चुनाव शुरू हो जाए तो फिर उस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।