खाना बर्बाद होने से बचाने 2 दोस्तों ने इंग्लैण्ड में शुरू की मुहिम
लंदन. इंग्लैंड में खाना बर्बाद होने से बचाने के लिए एक मुहिम शुरू की गई है। यहां एडम स्मिथ और जो हर्कबर्ग नाम के दो शख्स ने जंक फूड स्टोर चेन शुरू की है। इन स्टोर में रेस्त्रां में बचा हुआ खाना लाया जाता है। जरूरतमंद इसे स्वेच्छा से कुछ पैसे देकर ले जाते हैं। यहां फल, सब्जियां, ब्रेड, केक और चिकन समेत खाने का हर वो सामान मिलता है, जो किसी सुपर मार्केट में बेचा जाता है।
इसे 'द रियल जंक फूड प्रोजेक्ट' नाम दिया गया है। यह स्टोर सोमवार से शनिवार तक सिर्फ दो घंटे के लिए खुलता है। इस दौरान यहां खरीदारों की लाइन लगी रहती है। कई बार कुछ चीजों का ज्यादा स्टॉक आने के बावजूद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी पहुंचते ही वह चंद मिनटों में बिक जाता है।
खराब खाना नहीं लाया जाता :इन स्टोर में लाई जाने वाली चीजें खाने लायक होती हैं, लेकिन सुपर मार्केट के स्टैंडर्ड्स के हिसाब से नहीं होतीं। जैसे कभी किसी डिब्बे पर खरोंच लगी होती है या टिन पिचका हुआ होता है। कभी पत्तेदार सब्जियों की डंडिया हरी से लाल पड़ चुकी होती हैं।
यूके में ऐसे चार स्टोर : एडम का पहला ऐसा स्टोर 2016 में खोला गया था। अब चार ऐसे स्टोर हैं और छह नए स्टोर की तैयारी चल रही है। एक स्टोर हर हफ्ते छह टन खाने को वेस्ट होने से बचाता है। लगभग 25 हजार लोगों को यहां से हर हफ्ते खाना मिलता है। ग्राहक यहां मियाद निकल चुके सामानों को भी ले जाते हैं। वे उसे सूंघते और चखते हैं। उन्हें अच्छा लगता है तो इस्तेमाल कर लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में हर साल 1.3 अरब टन खाना फेंक दिया जाता है। जबकि 80 करोड़ लोग खाने की कमी से कुपोषण के शिकार हैं।
सुअरों को ककड़ी खिलाते वक्त आया आइडिया :एडम इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में एक फार्म में काम करते थे। वहां सुअरों को ककड़ी खिलाई जाती थी। दरअसल, ककड़ी दाने से सस्ती थी। जबकि कई लोग यही ककड़ी खरीद नहीं पाते थे। उन्हें यहीं से खाना बचाने का आइडिया आया। उन्होंने सुपरमार्केट में जाकर रिसर्च की तो पता चला कि वहां खारिज किए जा चुके सामान को ठिकाने लगाने के लिए पैसे देने होते हैं। बस यहीं से उन्होंने खाने के इन सामानों को जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया।