सॉंप के काटने पर लगाया पड़े 80 इंजेक्शन, तब जाकर बची मरीज की जान
धार। जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की टीम ने सर्पदंश के मरीज को बचाने के लिए विशेष प्रयास किए। 28 वर्षीय मंगल पिता शांताराम को तिरला विकासखंड के ग्राम अंजनाई में शुक्रवार अलसुबह सांप ने डस लिया था। इसके बाद वहां झाड़-फूूंंक की गई, लेकिन जब मंगल को पेट दर्द होने लगा तो परिजन उसे लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे।
डॉक्टरों की टीम ने स्थिति गंभीर देखते हुए मंगल और उसके साथ के लोगों से सांप के बारे में पूछताछ की। जब व्हाट्सएप के माध्यम से सांप का फोटो आया तो मालूम पड़ा कि वह खतरनाक व जहरीली श्रेणी वाला सर्प है। ऐसे में सांप की प्रजाति को देखकर ताबड़तोड़ में डॉक्टरों ने विषरोधी इंजेक्शन लगाना शुरू किए।
आमतौर पर साारण श्रेणी के सांप के डसने पर तीस इंजेक्शन में मरीज ठीक हो जाता है लेकिन यहां पर 70 से 80 इंजेक्शन लगाकर मरीज की जान बचाई गई। यदि कुछ घंटे की देरी हो जाती तो शायद मंगल की जान जा सकती थी। मंगल मूलरूप से जीराबाद का रहने वाला है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत तिरला विकासखंड के ग्राम अंजनाई में पोकलेन मशीन चलाने का कार्य करता है। रात को ग्राम अंजनाई में ही वह सोया हुआ था। अलसुबह उसे अचानक से सांप ने डस लिया। मंगल ने पास ही में सांप को बैठा हुआ देखा। उसने शोर मचाया तो आसपास के लोगों ने सांप को मार दिया।
सांसें उखड़ने लगी थी
डॉक्टर ने सांप के बारे में जानकारी ली तब मंगल के साथ के लोगों ने व्हाट्सएप से उसकी फोटो बुलवाई और चिकित्सक को दिखाई। इस दौरान मंगल की आंख बंद होने लगी थी और सांसें उखड़ने लगी थी। डॉक्टर ने बताया कि फोटो देखने पर हमें पता लगा कि यह सांप विषैली प्रजाति का है। सारण श्रेणी के सांप में इस तरह की स्थिति नहीं बनती है। डॉ. एकता, डॉ. पंवार, डॉ. सुमित सिसौदिया, डॉ. भूर्रा ने इलाज कि या। मंगल अब स्वस्थ है और आईसीयू में भर्ती है।