बच्चों की गुमशुदगी को सर्वोच्च प्राथमिकता देना आवश्यक- मंत्री श्रीमती चिटनिस
मिसिंग चिल्ड्रन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र सम्पन्न
महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा है कि बच्चे अपनी पीड़ा को अभिव्यक्त करने में असमर्थ होते हैं। इसलिये उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी मामलों के निदान के लिये अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतना आवश्यक है। बच्चों के गुम होने संबंधी प्रकरण को थाना-स्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता और महत्व दिया जाना चाहिये। श्रीमती चिटनिस मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी, भौंरी में मिसिंग चिल्ड्रन विषय पर प्रशिक्षकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि बच्चों के गुम होने के कारणों पर ध्यान देने की भी बहुत आवश्यकता है। परिवार और समाज के ताने-बाने में सुधार की आवश्यकता को भी उन्होंने रेखांकित किया। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि प्रशिक्षण हमारी क्षमताओं को लगातार सुधारने का मौका देता है। अधिकारी और कर्मचारियों को सेवा में रहते हुए जहाँ कर के सीखने का मौका मिलता है, वहीं प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से दूसरों के अनुभव से सीखने का अवसर भी उन्हें प्राप्त होता है।
प्रशिक्षण में मध्यप्रदेश सहित बिहार, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड के पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदाबाद के संयुक्त निदेशक श्री उमेश सराफ, मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के निदेशक श्री सुशोभन बनर्जी, यूनिसेफ के मध्यप्रदेश प्रमुख श्री माइकल जूमा उपस्थित थे। श्रीमती चिटनिस ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये।
प्रशिक्षण में सम्मिलित प्रतिभागियों को यूनिसेफ के मध्यप्रदेश प्रमुख श्री माइकल जूमा, राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदाबाद के संयुक्त निदेशक श्री उमेश सराफ तथा मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के निदेशक श्री सुशोभन बनर्जी ने भी संबोधित किया।
संदीप कपूर