रामलीला में भाग लेने से बच्चों में अच्छे आदर्श उत्पन्न होते हैं : राज्यपाल
राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों के बच्चों द्वारा रामलीला का मंचन
राज्यपाल श्रीमती अनंदीबेन ने आज राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों द्वारा आयोजित रामलीला कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रामलीला हमें धार्मिक घटनाओं और भगवान श्रीराम के मर्यादापुरूष होने का प्रमाण देती हैं। इससे हमारी धार्मिक आस्था और भावना सुदृढ़ होती है। रामलीला भारतीय प्राचीन संस्कृति, सभ्यता और धार्मिक आस्था को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम है। इससे बच्चों में अच्छे आदर्श और चरित्र का निर्माण करने में मदद मिलती है। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति,युवामंच और हिन्दी भवन के सहयोग से राजभवन सचिवालय द्वारा आयोजित किया गया था।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आयोजकों को साधुवाद देते हुए इस अनुकरणीय पहल की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जब बच्चे रामलीला में स्वयं राम, सीता और अन्य पात्रों का अनुसरण करेंगे तो उनमें राम के आदर्श, सीता माँ की पवित्रता और भरत, लक्ष्मण जैसे भाईयों के चरित्र उनके अंदर निर्मित हो सकेंगे। माता-पिता और भाई-बहन के प्रति प्रेम, सम्मान और आदर की भावना जागृत हो सकेगी। घर,परिवार और समाज में एकता, सौहार्द्र और सदभाव का वातावरण मजबूत होगा। रामलीला के माध्यम से ही आज पूरे विश्व में भगवान श्रीराम के आदर्श, उपदेश और संदेश को पहुँचाया जा रहा है। देश और विदेश में लोग रामलीला देखकर ही अपने जीवन में बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने बच्चों द्वारा प्रस्तुत रामलीला की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों ने बहुत परिश्रम किया है।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं राष्ट्रप्रचार भाषा समिति के ट्रस्टी श्री रघुनंदन शर्मा, अध्यक्ष श्री एस.पी. दुबे, हिन्दी भवन के सचिव श्री कैलाश अग्रवाल, राज्यपाल के सचिव श्री भरत महेशवरी, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में रामलीला प्रेमी उपस्थित थे।
राजेन्द्र सिंह राजपूत