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झूमकर बरसेंगे बदरा इस बार, मौसम विभाग को 98 प्रतिशत बारिश का अनुमान


मौसम विभाग ने दावा किया है कि इस साल मानसूनी बादल झूम-झूमकर बरसेंगे। जून से सितंबर के बीच मानसून जबर्दस्त सक्रिय रहेगा। मध्य क्षेत्र में मानसून की बारिश 100 फीसदी होगी, जबकि दक्षिणी क्षेत्रों में 99 फीसदी। विभाग ने अपने पहले पूर्वानुमान में संशोधन कर मंगलवार को दूसरा पूर्वानुमान जारी किया है।

ये क्षेत्र गंभीर सूखे की विभीषिका से जूझ रहे हैं। पूर्वोत्तर और पश्चिमोत्तर राज्यों में लगातार तीन सालों से कम बारिश हुई है। जबकि पश्चिम और उत्तरी राज्य प्रमुख खाद्यान्न उत्पादक राज्य हैं, जहां इस बार अच्छी बारिश यानी 96 फीसदी होने का अनुमान है। इन राज्यों में उप्र, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर हैं।

96 से 104 फीसदी हो तो सामान्य वर्षा
मौसम विभाग के मुताबिक 96 से 104 फीसदी का मतलब सामान्य बारिश होता है।

अल नीनो की आशंका खारिज
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश के मुताबिक फरवरी में जहां अल नीनो जैसी स्थिति बनने के आसार से मानसून को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थी। लेकिन अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया की मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली सभी प्रमुख एजेंसियों ने इसे खारिज कर दिया है। प्रशांत महासागर के ऊपरी सतह के गरम होने से अल नीनो की स्थिति बनती है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में दक्षिण-पश्चिम मानसून को प्रभावित करती है।

मानसून की रफ्तार अच्छी
मानसून इस बार एक जून की बजाय दो दिन पहले यानी 30 मई को केरल के तट पर पहुंच गया था। इसके आगे बढ़ने की रफ्तार पर महानिदेशक रमेश ने संतोष जताया है। मानसून के बादल आठ जून तक गोवा और 13 से 14 जून तक पश्चिम में मुंबई और पूर्वी क्षेत्र में पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड तक पहुंच जाएंगे।

लू से राहत की उम्मीद
लू के गरम हवाओं के थपेड़ों से झुलस रहे उत्तरी राज्यों के मैदानी क्षेत्रों के लोगों को अगले दो-तीन दिनों में राहत मिल सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते इन क्षेत्रों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। इससे तापमान के नीचे जाने की उम्मीद बढ़ी है। समूचे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उप्र में गरम हवाओं के थपेड़े चल रहे हैं।

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