अलगाववादियों के ठिकानों एनआईए की रेड में टीम को मिले कई अहम सुराग, कैश, हिजबुल और लश्कर के लेटरहेड्स मिले
भारत के खिलाफ अभियान और प्रदर्शनों में अलगाववादियों को पाकिस्तान से फंडिंग होने के मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को अलगावादी नेताओं के ठिकानों पर कार्रवाई की। पाकिस्तान से फंडिंग मिलने की बात सामने आने के बाद एनआईए ने कश्मीर, दिल्ली और हरियाणा में छापेमारी की। छापेमारी में कथित तौर पर हिजुबल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लेटरहेड्स, लैपटॉप, मोबाइल फोन, गोल्ड ज्वैलरी और 2.5 करोड़ से अधिक कैश बरामद किया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कश्मीर के 18, दिल्ली के 7 और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर एक जगह छापेमारी की।
सूत्रों के मुताबिक हवाला कारोबार के शक में टीम ने पुरानी दिल्ली के बाल्लीमारन और चांदनी चौक में छापेमारी की। कथित तौर पर यह पाकिस्तान में बैठे एलईटी और अन्य लोगों इन्हीं के जरिए अलगाववादियों को फंडिंग करते हैं। ईडी की ओर से छापेमारी की कार्रवाई उस समय शुरू की गई जब एनआईए ने सैयद अली शाह गिलानी, नईम खान और फारुख अहमद डार जैसे अलगाववादियों के फंडिंग सोर्स को लेकर प्रारंभिक जांच शुरू की। एनआईए की ओर से की गई कार्रवाई को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता गिलानी ने “कश्मीर में आजादी के आंदोलन को बदनाम करने” के रूप में परिभाषित किया है। वहीं, उनके प्रवक्ता ने छापेमारी में कैश मिलने की बात को खारिज किया। उनका कहना है कि यह गिलानी साहब पर दबाव बनाने की चाल है। ऐसा 2002 में भी हो चुका है जब उनके (गिलानी) एक दामाद को निशाने पर लिया गया था और झूठे मामले दर्ज किए गए थे। अब फिर से वही किया जा रहा है।
हाल ही में नईम को टेलीविजन पर एक स्टिंग ऑपरेशन में घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से पैसा लेने की बात कबूलते देखा गया था। एनआईए हवाला ऑपरेटर्स के खिलाफ लगातार शिकंजा कस रही है। माना जा रहा है कि अलगाववादियों को हवाला के जरिए ही घाटी में अशांति और तनाव फैलाने के लिए फंडिंग की जाती है। कश्मीर में हवाला ऑपरेटरों के एक्टिव रहने के कारण ही पत्थरबाज हावी हो रहे हैं और सेना व सरकार के हर फैसले के खिलाफ सड़कों पर छात्रों को उतरने के लिए उकसा रहे हैं।