आप पार्टी ने आयोजित खुद ईवीएम हैकिंग ओपन चैलेंज
चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) शनिवार को चुनाव आयोग से अलग अपना ही ईवीएम चैलेंज आयोजित कर रही है. ईवीएम हैंकिंग के दावे को साबित करने के लिए ओपन हैकाथन कराने की AAP की मांग को आयोग ने ठुकरा दिया था, जिसके बाद पार्टी ने अपना अलग ईवीएम चैलेंज रखने का फैसला किया था.
दिल्ली की सत्ताधारी आप ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी, ईवीएम मशीन बनाने वाली कंपनी BEL के प्रबंध निदेशक (एमडी) एमवी गौतम और ईसीआईएल के एमडी देवाशीष दास को चिट्ठी लिखकर चैलेंज में शामिल होने को कहा है. आप सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, अगर चुनाव आयोग के मुताबिक बटन दबाकर कोई भी मशीन टैंपर की जा सकती है, तो आकर साबित करके दिखाएं, हम अपना EVM चैलेंज शुरू कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पार्टी ने इस चैलेंज में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन लिंक भी जारी किया है.
इससे पहले AAP की दिल्ली इकाई के सचिव सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि पार्टी सभी राजनीतिक दलों, चुनाव आयोग और ईवीएम बनाने वाली कंपनियों के टेक्निकल एक्सपर्ट को ओपन चैलेंज में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी के इस कदम का मकसद ईवीएम हैक करने करने के लिए दी गई चुनाव आयोग की खुली चुनौती के दिन ही ज्यादा बड़े पैमाने पर और बेहतर तरीके से ओपन चैलेंज आयोजित करना है.
भारद्वाज ने बताया कि इस कार्यक्रम में उन्हीं मशीनों का इस्तेमाल करेंगे, जिसका उन्होंने दिल्ली विधानसभा में ईवीएम में गड़बड़ी किए जा सकने के अपने दावे को सही साबित करने के लिए इस्तेमाल किया था. हालांकि चुनाव आयोग ने इस मशीन को ईवीएम नहीं, बल्कि ईवीएम जैसी दिखती मशीन करार देते हुए भारद्वाज के दावे को खारिज कर दिया था.
वहीं चुनाव आयोग ने ईवीएम हैकिंग चुनौती में मशीनों के मदरबोर्ड या सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं दी थी. इस पर AAP ने आयोग से लिखित मांग में कहा था कि मशीन में गड़बड़ी करने की खुली छूट दिए बिना इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. AAP नेता संजय सिंह ने कहा था कि जब मशीन छूने ही नहीं दिया जाएगा, तो कौन सा मंत्र पढ़कर मशीन को हैक करेंगे. मशीन खोलकर देखने नहीं दिया जाएगा, तो ईवीएम में गड़बड़ी का खुलासा कैसे होगा. संजय सिंह ने सवाल किया कि सिर्फ बीजेपी को ही ईवीएम पर भरोसा क्यों है. संजय शर्मा ने कहा कि इसका मतलब चुनाव आयोग हाथ-पैर बांधकर समुद्र पार करने की चुनौती दे रहा है.