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मॉडरेशन पॉलिसी पर सस्पेंस हुआ खत्म ! सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगा सीबीएसई, रिजल्ट आने में थोड़ा समय और लगेगा


CBSE Class 12th Result 2017 को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) मॉडरेशन पॉलिसी पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगा. सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने फैसला किया है कि वह हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगा. इसके बाद अब हाई कोर्ट के निर्देश के बाद छात्रों के मार्क्स को एडजस्ट करने में समय लगेगा, जिस कारण रिजल्ट लेट हो जाएगा. हालांकि सीबीएसई ने 12वीं क्लास के रिजल्ट जारी करने की तारीख और समय को लेकर अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं की है. ग्रेस मार्क्स पर फैसले में क्या कहा हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीएसई को मुश्किल प्रश्नों के लिए ग्रेस मार्क्स देने संबंधी अपनी मॉडरेशन पॉलिसी सत्र 2016-17 के लिए जारी रखने का अंतरिम आदेश दिया था. इस पॉलिसी को खत्म करने के लिए हाल ही में सीबीएसई ने नोटिफिकेशन जारी किया था जिसे कुछ अभिभावकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस फैसले से इस साल परीक्षा देने वाले 12वीं कक्षा के करीब 11 लाख छात्रों व 10वीं कक्षा के 9 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा. एक्टिंग मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की बेंच ने कहा कि जब इस साल 12वीं कक्षा के लिए छात्र परीक्षा दे चुके हैं तो ऐसे में यह पॉलिसी बदली नहीं जा सकती. सीबीएसई इस पॉलिसी को फिलहाल उन छात्रों के लिए जारी रखे जो इस वर्ष एग्जामिनेशन फॉर्म जमा कर चुके हैं. जब परीक्षा फॉर्म भरे जाते हैं तो सभी को पता होता है कि इसके नियम क्या हैं. जब खेल शुरू हो चुका हो तो नियम बदले नहीं जा सकते. बेंच ने कहा कि छात्रों को असुरक्षा की भावना पैदा न कीजिए. बोर्ड ने क्‍यों खत्‍म की थी मॉडरेशन पॉलिसी स्टूडेंट्स को मॉडरेशन पॉलिसी की वजह से लगभग 8 से 10 अंक तक अधिक मिलते थे, जिसकी वजह से 95 फीसदी और इससे अधिक अंक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की संख्‍या बढ़ गई थी. कॉलेज एडमिशन में बढ़ते कॉम्पिटीशन और 95 फीसदी से अधिक नंबर स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए बोर्ड ने इस तरह का फैसला लिया था. पिछले साल दिसंबर में इस बारे में सीबीएसई ने एमएचआरडी को रिक्वेस्ट की थी कि मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म किया जाए. क्या है मॉडरेशन पॉलिसी इस पॉलिसी के तहत जब बारहवीं में पेपर कठिन आता है तो स्टूडेंट्स आपत्ति जताते हैं, और उन्हें ऐसे सवालों के पूरे अंक दिए जाते हैं. यह फुल मार्क्स उन स्टूडेंट्स को दिए जाते हैं, जिन्होंने कॉपी में सवाल को थोड़ा भी हल करने की कोशिश की थी. पेपर में प्रश्न गलत आने पर भी मॉडरेशन पॉलिसी को फॉलो किया जाता है. इसके तहत उस सवाल के पूरे अंक दिए जाते हैं. 9 मार्च 2017 से 29 अप्रैल 2017 के बीच आयोजित की गई थी परीक्षा इस साल 10वीं क्‍लास की परीक्षाएं 9 मार्च 2017 से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चली थीं, वहीं 12वीं की परीक्षाएं 9 मार्च 2017 से 29 अप्रैल 2017 के बीच आयोजित की गई थीं. इस साल सीबीएसई की दसवीं क्‍लास की बोर्ड परीक्षा में 8,86,506 छात्रों ने हिस्‍सा लिया था, जो पिछले साल की तुलना में 15.73 प्रतिशत अधिक थी. वहीं, 12वीं कक्षा की परीक्षा में 10,98,981 छात्रों ने हिस्‍सा लिया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.82 फीसदी ज्‍यादा थी. देश भर में 16,363 केंद्रों पर कक्षा दस और 10,678 केंद्रों पर 12वीं कक्षा की परीक्षाओं का आयोजन किया गया था.

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