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तीन तलाक की प्रथा नहीं बदली तो सरकार ला सकती है कानून : वैंकेया नायडू


मुस्लिम समुदाय अगर तीन तलाक की प्रथा को 'बदलने' में विफल रहता है तो सरकार कदम उठा सकती है और इसको प्रतिबंधित करने के लिए कानून बना सकती है. नायडू ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मुद्दे को देखना समाज पर निर्भर करता है और अच्छा होगा अगर (मुस्लिम) समाज खुद ही इस प्रथा को बदल दे. अन्यथा ऐसी स्थिति उभरेगी कि सरकार को कानून (तीन तलाक को प्रतिबंधित करने का) लाना होगा."

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, "यह किसी के निजी मामले में हस्तक्षेप करना नहीं है बल्कि महिलाओं के लिए न्याय का सवाल है. सभी महिलाओं को समान अधिकार होना चाहिए. कानून के समक्ष समानता-यह मुद्दा है." उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में भी बाल विवाह, सती और दहेज जैसी बुरी प्रथाओं को समाप्त करने के लिए कानून बनाए गए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हिंदू समाज ने बाल विवाह पर चर्चा की और इसे प्रतिबंधित करने के लिए संसद में कानून पारित किया गया. दूसरा है सती सहगमन जिसमें प्राचीन समय में पति की मौत के बाद पत्नी मौत को गले लगा लेती थी. इसे हिंदू समाज ने ही कानून बनाकर बंद किया. तीसरा दहेज का मामला है. दहेज उन्मूलन कानून पारित किया गया और हिंदू समाज ने इसे स्वीकार किया." उन्होंने कहा, "जब लगा कि इस तरह की प्रथा समाज की भलाई के खिलाफ है तो हिंदू समाज ने उन पर चर्चा की और उनमें सुधार किए. कुछ और सुधार करने की जरूरत है और उस दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए."  

वेंकैया नायडू ने केन्द्र सरकार की योजना 'स्वच्छ भारत मिशन' को तेजी से लागू करने के लिए झारखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम को लागू करने में झारखण्ड देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो गया है. नायडू ने कहा कि झारखण्ड ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में भी अन्य राज्यों की तुलना में काफी प्रगति की है और यह सब मुख्यमंत्री रघुवर दास के कुशल नेतृत्व एवं बेहतर प्रशासक होने के कारण संभव हो पाया है.

उन्होंने 2 लाख 55 हजार आवेदनों में से 60916 आवास का अनुमोदन करने एवं 32 हजार का जियो टैगिंग करने तथा लाभुक द्वारा बनाये जाने वाले आवासों के लिए पासबुक खोले जाने हेतु मुख्यमंत्री की सराहना की.

इससे पूर्व समीक्षा बैठक में नायडू ने सोलर पावर, रेनवाटर हार्वेस्टिंग तथा कचरे के समुचित प्रबंधन (कचरा से कम्पोस्ट एवं उर्जा बनाने का कार्य) करने का सुझाव राज्य के अधिकारियों को दिया. उन्होंने अर्बन ट्रांस्पोर्ट, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, ऋण आधारित सब्सिडी स्कीम इत्यादि की भी समीक्षा की.

नायडू ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि रांची में शहरी परिवहन को विकसित करने के लिए पीपीपी मोड में तीन सौ बसों को भविष्य में संचालित करने की योजना है. फिलहाल यहां शहरी परिवहन को मजबूत करने के लिए 26 नयी बसें जोड़ी गयी हैं. इसके अलावा यहां मेट्रो या अन्य मास रैपिड ट्रांस्पोर्ट प्रणाली विकसित करने पर भी विचार चल रहा है.

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