चारधाम यात्रियों को सरकार देगी तोहफा, जल्द ही शुरू हो सकती है चारधाम तक रेल सुविधा
हिमालय की ऊंचाइयों पर स्थिति हिंदुओं की आस्था के केंद्र के तौर पर चारधाम तक रेलगाड़ी चलाने के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे का काम 13 मई से शुरू किया जा रहा है. बद्रीनाथ धाम में रेलमंत्री सुरेश प्रभु और दूसरे केंद्रीय मंत्रियों के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री इस सर्वे को हरी झंडी दिखाएंगे. भारतीय रेलवे के पीएसयू रेल विकास निगम लिमिटेड को उत्तराखंड राज्य में स्थित चार धाम – गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ – वाया देहरादून और कर्णप्रयाग तक रेल संपर्क स्थापित करने के लिए इंजीनियरिंग सर्वेक्षण का कार्य सौंपा गया है. प्रस्तावित रेलमार्ग विशाल हिमालय के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से गुजरेगा लिहाजा रेलवे को यह रेल लाइन बिछाने के लिए सेफ्टी और स्पीड जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
चारधाम हिंदू श्रद्धालुओं के प्रमुख तीर्थ स्थल हैं. ये धाम हिंदू धर्मावलंबियों के लिए रहस्य और अध्यात्म के अनूठे संगम हैं. श्रृद्धालु व तीर्थयात्री आस्था के इन प्रतीकों की यात्रा करने तथा देसी और विदेशी पर्यटक पर्वतारोहण और प्राकृतिक मनोरम दृश्यों का आनंद उठाने के लिए बड़ी संख्या में उत्तराखंड का रुख करते हैं. उत्तराखंड राज्य में प्रस्तावित चारधाम रेल संपर्क परियोजना से भारतीय रेलवे संपर्क की एक नई इबारत लिख रही है. इसके साथ-साथ भारतीय रेलवे, रेल विकास निगम के माध्यम से ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच एक नई रेल लाइन बिछाने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर भी काम कर रही है. इस परियोजना को शीघ्रता से पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
चार धाम तीर्थ हिमालय की ऊंचाईयों पर स्थित हैं तथा इनका धार्मिक महत्व ज्यादा है.
1- यमुना नदी का उद्गम स्थल यमुनोत्री, समुद्र तल से 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
2- गंगा नदी का उद्गम स्थल गंगोत्री, समुद्र तल से 3408 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
3- 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ ज्योतिर्लिंग तीर्थ समुद्रतल से 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
4- भगवान विष्णु का तीर्थ स्थल, बद्रीनाथ समुद्रतल से 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
चार धाम के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन
1- डोईवाला से प्रारंभ होने वाली 131 किलोमीटर लंबी गंगोत्री रेल लाइन उत्तरकाशी होते हुए मनेरी तक जाएगी. यह समुद्रतल से 1270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 2- यमुनोत्री रेल लाइन उत्तरकाशी स्थित गंगोत्री रेल लिंक से प्रारंभ होकर Y (वाई) संपर्क निर्मित करते हुए 22 किलोमीटर की दूरी तय करके पलार (समुद्रतल से 1265 मीटर ) पहुंचेगी. 3- केदारनाथ को जाने वाली प्रस्तावित 99 किलोमीटर लंबी रेल लाइन कर्णप्रयाग से प्रारंभ होकर साईंकोट होते हुए सोनप्रयाग (समुद्रतल से 1650 मीटर ) पहुंचेगी. 4- बद्रीनाथ रेल लाइन साईंकोट स्थित केदारनाथ रेल लिंक से प्रारंभ होकर Y (वाई) संपर्क निर्मित करते हुए 75 किलोमीटर की दूरी तय करके जोशीमठ (समुद्रतल से 1733 मीटर) पहुंचेगी.
टोही सर्वेक्षण के अनुसार 327 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित रेल लाइन पर 43,292 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. आरईसी सर्वेक्षण में इस रेल लाइन पर 21 नए रेलवे स्टेशन, 61 सुरंगें, (कुल सुरंग मार्ग 279 किलोमीटर) और 59 पुल बनाने की सिफारिश की गई है. अधिकतम 5 डिग्री के घुमाव वाली इस रेल लाइन का रूलिंग ग्रेडिएण्ट 80 में 1 है. चार धाम तक बड़ी लाइन रेल सम्पर्क स्थापित करने हेतु फाइनल लोकेशन सर्वे के कार्य को रेल मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट में 120.92 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है.
कार्य को तीव्रता से पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे ने फाइनल लोकेशन सर्वे का कार्य रेल विकास निगम को सौंपा है.
दुर्गम पहाड़ी स्थानों और कठिन भू-भाग वाले क्षेत्रों में अंतिम स्थल-सर्वेक्षण का कार्य करना एक बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती होगी. भूमि के नीचे बड़े पैमाने पर सुरंगों का कार्य करने के लिए विस्तृत स्थलाकृति (टॉपोग्राफिकल) सर्वेक्षण, भू-वैज्ञानिक मानचित्रीकरण (जियोलॉजिकल मैपिंग), हाइड्रो-जियोलॉजिकल, हाइड्रोलॉजिकल और भू-भौतिकीय (जियो-फिजिकल) सर्वेक्षणों के साथ-साथ भू-तकनीकी जांच भी की जाएगी. इनके साथ-साथ, इस सर्वेक्षण के अंतर्गत निर्माण, पहुंच, पर्यावरण, सुरंग-कार्य, ढलान-स्थिरता और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं का भी अध्ययन किया जाएगा.