इस्त्राइल मिसाइल सिस्टम ‘स्पाइडर’ से बढ़ी भारत की ताकत, मजबूत हुआ एयर डिफेंस सिस्टम
बालेश्वर (ओड़िशा): भारत ने कम दूरी की त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल परीक्षणों की श्रृंखला के तहत सतह से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइल ‘स्पाइडर’ का गुरुवार (11 मई) को परीक्षण किया. आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक हथियार प्रणाली के विभिन्न मापदंडों की पुष्टि करने के लिए यह परीक्षण किया गया था.
उन्होंने बताया कि ‘स्पाइडर’ कम समय में वायु में शत्रु पर हमला करने के लिए बनाई गई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. यह इस्राइल से ली गई मिसाइल प्रणाली है. कम उंचाई में इसकी मारक क्षमता 15 किलोमीटर तक है. हालांकि यह भारत में निर्मित सतह से हवा में मार करने में सक्षम ‘‘आकाश’’ मिसाइल से छोटी है. आकाश की मारक क्षमता 25 किलोमीटर है. सूत्रों ने बताया कि चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज के लांच कॉम्प्लेक्स तीन से मोबाइल लॉंचर के जरिए स्पाइडर का परीक्षण किया गया और इसने चालक रहित विमान को लक्षित किया.
लक्ष्य भेदने में नाकाम रही अग्नि-दो मिसाइल! मारक क्षमता 2000 किमी से अधिक
भारत ने गुरुवार (4 मई) को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मध्यम रेंज की अग्नि.दो मिसाइल का ओड़िशा तट के पास एक द्वीप से परीक्षण किया. लेकिन समझा जाता है कि यह परीक्षण वांछित मानदंडों को पूरा करने में नाकाम रहा. यहां पहुंची रिपोर्ट के अनुसार सतह से सतह तक मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप पर सुबह करीब 10 बजकर 25 मिनट पर किया गया. इसका परीक्षण एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) पर मोबाइल लॉन्चर से किया गया.
समझा जाता है कि उपयोग परीक्षण के तहत किया गया परीक्षण वांछित मानदंडों को पूरा करने में नाकाम रहा. अग्नि.दो की मार करने की क्षमता 2000 किलोमीटर से अधिक है. इसे पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है. गुरुवार का परीक्षण स्ट्रैजिक फोर्सेज कमांड द्वारा प्रशिक्षण अभ्यास के हिस्से के तौर पर किया गया.
सके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने साजो-सामान सहयोग मुहैया कराया था. अग्नि-दो की लंबाई 20 मीटर है और इसका वजन 17 टन है. यह 2000 किलोमीटर की दूरी तक 1000 किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकता है.