एएसआई की धमकी से वृध्द की तबीयत बिगड़ी
पत्नी ने डीजीपी, आईजी, एसपी को की शिकायत-तीन महीने पहले भी कांस्टेबल ने की थी पोते से मारपीट
उज्जैन। दुकान खाली कराने के विवाद में किरायेदार की पत्नी ने पुलिस थाना कोतवाली के एसआई केवलराम पाल, ढांचा भवन निवासी राकेशसिंह गौतम व मंजू गौतम पर अभद्र व्यवहार, गाली गलौच करने तथा धमकी देने का आरोप लगाया है। डीजीपी, आईजी तथा एसपी को भेजे शिकायती आवेदन में महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी द्वारा झूठे केस में फंसाने की धमकी देने से उसके वृध्द पति की तबीयत बिगड़ गई तथा उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। गोलामंडी निवासी लीलाबाई के अनुसार उसके पति बद्रीलाल मालवीय 40 वर्षों से मकान नंबर 47 निजातपुरा नजरअली मार्ग में किशनसिंह की दुकान में किरायेदार है तथा तभी से कपड़ों की प्रेस का धंधा कर रहे हैं। 9 मई 2017 को कोतवाली थाने के एएसआई केवलराम पाल तथा राकेशसिंह गौतम व मंजू गौतम
निवासी ढांचा भवन आये तथा उनके द्वारा बद्रीलाल तथा लीलाबाई के साथ एएसआई और राकेश गौतम व मंजू गौतम ने गाली गलौच की। एएसआई केवलराम ने दुकाने के सारे कागजात लेकर थाने आने को कहा। राकेश गौतम और मंजू गौतम बोले कि पुलिस हमारे साथ है तथा हमारे रिश्तेदार विधायक हैं तुम्हारे खिलाफ छेड़छाड़ का झूठा मुकदमा दर्ज करा देंगे। इस धमकी से बद्रीलाल घबरा गये थे।
एएसआई केवलराम पाल के कहने पर बद्रीलाल और मैं 10 मई को दोपहर 2 बजे थाना कोतवाली पर गये थे तथा उस समय हमने दुकान के कागज और कोर्ट में चल रहे प्रकरण के संपूर्ण दस्तावेज के साथ शिकायती आवेदन दिया तो एएसआई भड़क गये और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। एएसआई ने कहा कि शाम 6 बजे टीआई के पास आना और दुकान की सारी रसीदें लेकर आना। बद्रीलाल पुलिस की धमकी से घबरा गये जिससे उनकी तबीयत बिगड़ जाने से उनको जिला चिकित्सालय के आईसीयू में भर्ती किया गया हैं। लीलाबाई ने पुलिस महानिदेशक, आईजी, एसपी को शिकायती आवेदन देकर कहा है कि कोतवाली पुलिस के अधिकारी, राकेश गौतम व मंजू गौतम झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। तीन महीने पहले भी पुलिस कांस्टेबल ने की थी मारपीट
पूर्व में भी कोतवाली के कांस्टेबलों ने मंजू गौतम व राकेश गौतम के कहने पर 18 फरवरी 2017 को मेरे पोते प्रिंस मालवीय के साथ मारपीट की थी। उस समय भी कांस्टेबल द्वारा खेद प्रकट करने पर हमारी ओर से उन्हें माफी दे दी गई थी किंतु पुलिस निरंतर मेरे परिवार एवं मेरे पति पर दुकान खाली करने का दबाव बना रही है। जबकि उपरोक्त दुकान के संबंध में व्यवहार न्यायालय का स्थगन आदेश है। बावजूद इसके पुलिस अधिकारी द्वारा झूठी कार्यवाही कर परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है।