भस्मारती आवेदन शुल्क के विरोध में होगा मंत्री जैन के घर का घेराव
हिंदुओं की आस्था पर चोट पर मंत्री की चुप्पी-श्री महाकाल भक्त मंडल 20 मई को करेगा घेराव
उज्जैन। भाजपा की शिवराज सरकार की श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा लगाये गये आॅनलाईन भस्मारती आवेदन शुल्क को अब तक वापस नहीं लिया गया है। अब भी आॅनलाईन पर 100 रूपये वसूले जा रहे हैं वहीं वीआईपी शुल्क के नाम पर 250 रूपये लिये जा रहे हैं। आम दर्शनार्थियों व शहरवासियों के भारी विरोध के बाद भी स्थानीय विधायक व केबिनेट मंत्री पारस जैन की चुप्पी हिंदुओं की आस्था पर चोट कर रही है साथ ही आम दर्शनार्थियों को भस्मारती से दूर करने के कतिपय अधिकारियों के निर्णय को समर्थन भी दर्शा रही है। जिसके विरोध में महाकाल भक्त मंडल 20 मई को मंत्री पारस जैन के घर का घेराव करेगा।
यह आरोप लगाते हुए श्री महाकाल भक्त मंडल के अरूण वर्मा ने बताया कि इन दिनों राज्य शासन की शह एवं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की लचर कार्यप्रणाली से प्रशासनिक अधिकारी मनमानी पर उतारू हो चुके हैं। उनकी तानाशाही से हिंदुओं के धार्मिक स्थल भी नहीं बचे हैं। इसका जीता जागता प्रमाण महाकाल मंदिर है जहां वर्षों से चली आ रही भस्मारती को लेकर मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक व केबिनेट मंत्री पारस जैन की शह पर शुल्क लगा दिया है। जिसका महाकाल के भक्तों सहित देशभर के श्रध्दालुओं ने कड़ा विरोध किया जो अब तक जारी है। मंदिर की व्यवस्थाओं के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। मंत्री पारस जैन द्वारा आम श्रध्दालुओं की चिंता नहीं करना व मंदिर में लूट करने देना यह दर्शाता है कि उनकी महाकाल में आस्था नहीं है तथा वे निजी स्वार्थ के लिए करोड़ों की आस्था के केन्द्र महाकाल की भस्मारती को लेकर लगाए शुल्क को लेकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान व उनके अधिकारियों की लूट में उनकी भी हिस्सेदारी है।
करोड़ों के ठेके मंत्री और अधिकारियों के रिश्तेदारों को दिये
अरूण वर्मा के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी के रिश्तेदार को षड़यंत्र पूर्वक सफाई का ठेका दिया गया है और एक लाख रूपये रोज के हिसाब से मंदिर की सफाई हो रही है। इसी प्रकार करोड़ों रूपये की लागत का एक ठेका और एक अधिकारी और भाजपा सरकार में मंत्री के रिश्तेदार को दिया गया है। इस ठेके में मंदिर में कर्मचारियों की आवश्यकता होगी तो उक्त ठेकेदार रखेगा। करोड़ों के ठेके की आड़ में कुछ वरिष्ठ अधिकारी जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं तथा उनके इस कारनामे को उजागर नहीं किया जा सके इसलिए अपने चहेते अधिकारियों की मंदिर पर पदस्थापना की जा रही है।
भाजपा, आरएसएस, विहिप, बजरंग दल सब चुप
वर्मा ने बताया कि हिंदुओं के आस्था स्थल पर कुठाराघात किया जा रहा है। भस्मारती के दर्शनों हेतु शुल्क लगाया जा रहा है। दान के रूपयों को मनमाने तरीके से लूटा जा रहा है लेकिन धर्म की बात करने वाली भाजपा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विहिप, बजरंग दल की इस पूरे मामले में चुप्पी यह दर्शाती है कि इस गौरखधंधे में इनकी भी हिस्सेदारी है।