62 साल का वृध्द 25 साल से पेट में बीमारी लिये घूम रहा था
उज्जैन में हुआ सफल आॅपरेशन-अब आम लोगों की तरह जीवन जी सकेंगे
उज्जैन। 62 साल का वृध्द 25 सालों से पेट की जटिल बीमारी लिये अपने साथ
घूम रहा था। वह जो भी खाता था वह पेट के जरिये बाहर निकल जाता था। जवानी
के दिनों में 25 साल पहले उसने अपना आॅपरेशन करवाया, इसके बाद भी वह
सालों से इलाज के लिए भटकता रहा लेकिन उसकी बीमारी ठीक नहीं हुई। शहर के
डाॅक्टरों ने उसे इंदौर, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जाने की सलाह दी।
आखिरकार उसकी इस बीमारी का इलाज उज्जैन में ही संभव हुआ और अब वह ठीक है।
घट्टिया के तुमरावदा गांव निवासी 62 वर्षीय नाथूसिंह 25 वर्ष से
इंटरोक्यूटोनियस फिस्चुला व इंसिसनल हर्निया की जटिल बीमारी से पीड़ित थे।
नाथूसिंह जो भी खाते थे वह पेट के जरिये बाहर निकल जाता था। उज्जैन के कई
चिकित्सकों से इलाज कराने के बाद भी जब उसे आराम नहीं पड़ा तक उसे इंदौर
के लिये रैफर किया गया। मरीज के परिजनों ने उन्हें गुरूनानक अस्पताल में
डाॅ. उमेश जेठवानी को दिखाया। डाॅ. जेठवानी ने मरीज का आॅपरेशन कम्पोनेंट
सेपरेशन इंसीसनल मेश हर्नियोप्लास्टी व इंलियो इलियल आर.ए. पध्दति से
किया गया। डाॅ. जेठवानी के अनुसार इस पध्दति में मरीज की मांसपेशियों को
अलग कर नया पेट बनाया जाता है। अभी तक इस पध्दति की सुविधा देश के प्रमुख
बड़े संस्थान एम्स, सफदरगंज व बड़े कार्पोरेट अस्पतालों में ही उपलब्ध थीं।
इसका इलाज भी दो से ढाई लाख रूपयों में होता था। डाॅ. जेठवानी ने इस इलाज
को उज्जैन में ही संभव कर दिखाया। अब नाथूसिंह स्वस्थ है और सामान्य
व्यक्तियों की तरह खाना खा रहे हैं।